डॉक्टर बनने के लिए कड़ा संघर्ष किया, अब बच्चों को हंसाते हैं, कर चुके हैं 37,000 मुफ्त सर्जरी

इस दुनिया में अच्छे इंसानों की कमी नहीं हैं. प्लास्टिक सर्जन डॉ सुबोध कुमार सिंह इसके बड़े उदाहरण हैं. अपने बचपन के दिनों में डॉक्टर बनने के लिए डॉ सुबोध खूब संघर्ष किया. यहां तक कि उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने और परिवार की मदद के लिए 1979 में काले चश्मे और धुले हुए साबुन तक बेचे.
अब तक 37,000 मुफ्त सर्जरी कर चुके हैं. 2002 में डॉ सुबोध सिंह ने अपने पिता की याद में फ्री इलाज करना शुरू किया था. आगे उन्होंने 2003-04 से बच्चों की सर्जरी करनी शुरू कर दी, जिसके बाद से ये सिलसिला जारी है. अपने इस नेक काम के लिए डॉ सुबोध अलग-अलग मंचों पर सम्मानित किए जा चुके हैं.
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