भोपाल के दो दोस्तों ने शुरू किया रेंट पर सामान देने का स्टार्टअप; छह महीने में 5 लाख का बिजनेस किया

पैसों के अभाव में हम अक्सर कुछ चीजें खरीद नहीं पाते। कई बार पैसे तो होते हैं पर बजट और बचत का सोचकर हम वह सामान नहीं खरीदते। हमें अक्सर अपनी ड्रेस, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे मोबाइल, लैपटॉप या फिर कोई ज्वेलरी खरीदने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। भोपाल के दो दोस्तों ने इस परेशानी का सॉल्यूशन ढूंढ निकाला है। उन्होंने ‘RENTOZO’ नाम से स्टार्टअप शुरू किया है। इन्होंने एक ऐप बनाया है, जिसकी मदद से आप कपड़ों से लेकर घर, गाड़ी सहित कई चीजें रेंट पर ले सकते हैं। लोगों को इनका ये कॉन्सेप्ट काफी पसंद आ रहा है।
जानिए RENTOZO के बारे में
कार्तिक साहू 24 साल के हैं। वे और उनके दोस्त शिवम यादव RENTOZO के जरिए कई चीजें किराए पर उपलब्ध करा रहे हैं। कपड़े, गाड़ी, घड़ी, घर, ऑफिस रेंट पर ले सकते हैं। ये टेलर और प्लम्बर की सर्विस भी प्रोवाइड कराते हैं। सिर्फ एक क्लिक पर ये सारी सुविधाएं आपको घर पर मिल जाएंगी।
कार्तिक और शिवम का ऐप C2C मोड पर करता है काम
कार्तिक और शिवम कस्टमर टू कस्टमर (C2C) सर्विस प्रोवाइड करते हैं। इनका ऐप यूजर्स के लिए पूरी तरह से फ्री है। कोई भी यूजर इनके ऐप के जरिए चीजें रेंट पर ले सकता है, जिसका उन्हें कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना पड़ता है। इस ऐप के जरिए आप भी अपनी कोई चीज रेंट पर दे सकते हैं। इस तरह ये ऐप सामान रेंट पर लेने-देने का एक प्लेटफार्म बन गया है।
बहन की शादी में आया बिजनेस का आइडिया
अपने बिजनेस आइडिया के बारे कार्तिक बताते है, ‘मैं खुद का बिजनेस करना चाहता था। 2016 में मेरी बहन की शादी होने वाली थी। शादी की शॉपिंग के दौरान मेरी बहन को जो लहंगा पसंद आया वह काफी महंगा था। लहंगा मेरी फैमिली के बजट से बाहर था। बहन की खुशी के लिए हमने वह खरीदा, लेकिन बाद में मुझे लगा की हर किसी को अपने बजट के हिसाब से ही खरीदारी करनी चाहिए।
इसके बाद मैंने इंस्टाग्राम पर रेंटल ड्रेस नाम से एक पेज बनाया। इसके जरिए मैंने अपने घर के लोगों को ड्रेस रेंट पर देना शुरू किया। इसका रिस्पॉन्स अच्छा मिला। कुछ टाइम के बाद कार्तिक अपने दोस्त शिवम के साथ मिलकर जरूरत की दूसरी चीजें रेंट पर देने लगे। इस तरह 2021 सितंबर में दोनों ने मिलकर RENTOZO स्टार्टअप की शुरुआत की।’
परिवार का साथ नहीं मिला
कार्तिक और शिवम के परिवार वाले उन दोनों के बिजनेस से खुश नहीं थे। दोनों के परिवार के हिसाब से उन्हें कोई और बिजनेस करना चाहिए था, जिसमें कम समय में ज्यादा मुनाफा हो। कार्तिक कहते हैं, ‘हमने अपने फैसले के आगे किसी की नहीं सुनी और कुछ महीने बाद बेहतर परिणाम से फैमिली भी खुश हो गई। हमें बिजनेस की शुरुआत में फंडिंग के लिए काफी परेशानी हुई, लेकिन हमारा आइडिया अच्छा था तो भोपाल स्मार्ट सिटी B-NEST इनक्यूबेशन सेंटर की ओर से सपोर्ट मिला।’
कई लोगों को रोजगार भी दिया
इनका ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। कार्तिक कहते हैं, ‘कम ही समय में हमारे ऐप से काफी लोग जुड़े हैं। लोगों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। अब हम अपने ऐप को ios सिस्टम पर भी लॉन्च करने जा रहे हैं। जिससे बिजनेस को काफी बढ़ावा मिलेगा।’
कार्तिक ने अपने स्टार्टअप से 22 लोगों को रोजगार भी दिया है। छह महीने में ही ये 5 लाख रुपए का बिजनेस कर चुके हैं।
[ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]