एक बर्थडे ऐसा भी! 26 साल से एक पुराने ट्रैक्टर का केक काटकर बर्थडे मना रहा है ये किसान परिवार

एक बर्थडे ऐसा भी! 26 साल से एक पुराने ट्रैक्टर का केक काटकर बर्थडे मना रहा है ये किसान परिवार

निया में कुछ भी अजीबो-ग़रीब नहीं रहा! पालतु कुत्ते के बर्थडे के लिए लाखों ख़र्च से लेकर मोबाइल बारात तक सबकुछ देख लिया है. तो हम ये मान लेते हैं कि दुनिया में कुछ अजोबी-ग़रीब नहीं रहा, अजब-ग़ज़ब ज़रूर है. इंसानों का कब किस वस्तु से हद से ज़्यादा लगाव हो जाए कहा नहीं जा सकता, भावनाओं का ये बंधन किसी जानवर, किसी स्थान और यहां तक कि किसी मशीन से भी हो सकता है.

हैप्पी बर्थडे ट्रैक्टर!

कुछ ऐसा ही हुआ एक किसान परिवार के साथ. TV9 Bharatvarsh के एक लेख के अनुसार हमारे देश में एक किसान परिवार है जो बीते 26 सालों से ट्रैक्टर का जन्मदिन मनाता आ रहा है. केक काटकर, पार्टी रखकर इस पुराने, टूटे-फूटे खस्ताहाल ट्रैक्टर का जन्मदिन मनाया जाता है.

ज़िला बरेली, उत्तर प्रदेश के गांव रायपुर हंस के ठाकुर हरिभान सिंह नामक किसान बरसों से अपने घर के पहले ट्रैक्टर का जन्मदिन मना रहे हैं.

प्लेग ने छीन लिया घर-परिवार

ठाकुर हरिभान सिंह ने बताया, ‘अब से करीब 100 साल (1900 के शुरुआती दिनों में) देश में आज के कोरोना-कोविड सी महामारी ‘प्लेग’ फैली थी. तब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था. तब परिवार ज़िला मैनपुरी के गांव नगलाधीर में रहता था.’

प्लेग की वजह से इस परिवार के 15 में से 13 लोगों की मृत्यु हो गई. हरिभान सिंह की परनदादी अपने इकलौते बेटे, बृजभूषण सिंह (हरिभान सिंह के पिता) को लेकर दूसरे गांव, रायपुर हंस आकर बस गईं. बृजभूषण सिंह को मिट्टी के घर में पले-बढ़े लेकिन आगे चलकर उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के ऑडिट विभाग में सरकारी नौकरी हासिल की.

ट्रैक्टर ने संवारी थी ज़िन्दगी

ठाकुर हरिभान सिंह के छोटे बेटे, अविनेश सिंह ने बात-चीत में बताया, ‘जिस ट्रैक्टर का हम बीते 26 साल से हर क्रिसमस के दिन जन्मदिन मना रहे हैं उसे 1995 में ख़रीदा गया था.’

अविनेश सिंह का कहना था कि उस ट्रैक्टर ने ही इस परिवार की ज़िन्दगी संवारी, खेती-किसानी को आगे बढ़ाया. इस ट्रैक्टर की बदौलत परिवार की क़िस्मत ऐसी बदली की घर पर दो और ट्रैक्टर भी आ गया.

परिवार ने बात-चीत में ये भी बताया कि उनके परिवार को इस ट्रैक्टर से इतना लगाव है कि हर जन्मदिन पर इसे सजाया जाता है. परिवार का कहना था कि ये ट्रैक्टर वो कभी कबाड़ी को नहीं बेचेंगे और ये घर की देहरी पर ही रखा रहेगा.

इंसान का किसी वस्तु से इतना लगाव शायद पहली बार ही देखा गया है. आपके क्या विचार हैं?

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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