बीच सड़क उतार गया था टॅक्सी ड्राइवर, उसी आइडिया से खड़ी की 48 हजार करोड़ रूपये की कंपनी

बीच सड़क उतार गया था टॅक्सी ड्राइवर, उसी आइडिया से खड़ी की 48 हजार करोड़ रूपये की कंपनी

ओला का नया “इलेक्ट्रिक स्कूटर” फिलहाल भारत में चर्चा में है. लॉन्च से पहले ही बुकिंग शुरू होने के बाद से सिर्फ एक दिन में स्कूटर को देश भर में 1 लाख से अधिक प्री-बुकिंग मिल चुकी थी. इसने ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर को दुनिया का सबसे ज्यादा प्री-बुक्ड किया हुआ स्कूटर बना दिया था. देश भर में पेट्रोल और सीएनजी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कुछ महीने पहले, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि “निकट भविष्य में भारत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में नंबर एक होगा”.

देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर के बढ़ते क्रेज को देखते हुए ओला ने घोषणा की थी कि उपभोक्ता इन स्कूटरों को सिर्फ 499 रुपये में बुक कर सकते हैं. ग्राहकों के अच्छे रिस्पोंस के चलते ओला भी खुश था. स्कूटर लॉन्च होने के बाद भी इसे लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.

कैब बुकिंग के संदर्भ में ओला नाम हम सभी के लिए पहले से ही परिचित है. भारत के किसी भी शहर का दौरा करने के बाद, आपने एक ओला टैक्सी का उपयोग किया होगा जो आपको आपके इच्छित पते पर ले जाती है. ओला से न केवल टैक्सी, बल्कि ऑटोरिक्शा और बाइक भी किराए पर ली जा सकती है. ओला वर्तमान में भारत में सबसे बड़ी कैब प्रदाता है. ओला ने महज 10-11 सालों में भारत में अपनी एक अलग दुनिया बना ली है.

ओला के बनने की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है. लुधियाना (पंजाब) के एक युवक भाविश अग्रवाल ने मुंबई में आईआईटी की शिक्षा प्राप्त की और माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी कर ली. वहां काम करते हुए भाविश ने अपनी खुद की टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन वेबसाइट Desitech.in भी शुरू की. वह भारत में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम स्टार्टअप के बारे में जानकारी प्रदान करते थे. लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक दिन उनके प्रयास सफल होंगे.

भाविश ने एक बार अपने कुछ दोस्तों के साथ वीकेंड ट्रिप के लिए बैंगलोर से बांदीपुर के लिए टैक्सी ली थी. मैसूर में अचानक टैक्सी चालक ने टैक्सी रोक दी और यह कहकर और पैसे मांगने लगा कि वह यात्रा का खर्च वहन नहीं कर सकता. लेकिन भाविश ज्यादा भुगतान करने को तैयार नहीं थे. आखिरकार टैक्सी चालक उन सबको छोड़कर चला गया. उस वक्त 23 साल के भाविश के दिमाग में ये ख्याल आया कि अगर उन्हें ऐसी कोई समस्या होगी तो आम आदमी को कितनी मुश्किलों से गुजरना पड़ता होगा.

भाविश की रुचि टेक्नोलॉजी में थी, जिससे उन्हें रेंटल कार सर्विस का आइडिया आया. उसने घर पर उसे इसके बारे में बताया, लेकिन उसके परिवार ने उसे पागल बोलकर उसका मजाक उड़ा दिया. लेकिन भाविश ने किसी की नहीं सुनी. 2010 में, उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में अपनी अच्छे पगार वाली नौकरी छोड़ दी और अपने दोस्त अंकित भाटिया के साथ एक ओला कंपनी शुरू की.

11 साल के बाद भाविश के निर्णय के बारे में सोचा जाये तो आज ओला भारत की सबसे बड़ी रेंटल कार सर्विस देने वाली कंपनी बन गई है. वही भाविश जिसका एक टैक्सी ड्राइवर ने अपमान किया था, अब ओला के माध्यम से 15 लाख से अधिक टैक्सी ड्राइवरों को रोजगार दे रहा है.

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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