10वीं में फेल होने पर स्कूल से निकाले गए, माता पिता के सपने को पूरा करने के लिए की मेहनत और बन गए आईपीएस अफसर

10वीं में फेल होने पर स्कूल से निकाले गए, माता पिता के सपने को पूरा करने के लिए की मेहनत और बन गए आईपीएस अफसर

हम सबके बीच एक ऐसी धारणा बन चुकी है कि वही कैंडिडेट यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास कर सकते हैं, जो बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छा हो, वही कैंडिडेट अपनी मेहनत से ये धारणा तोड़ते भी है। आज हम एक ऐसे कैंडिडेट की बात करेंगे जो बचपन से एक एवरेज स्टूडेंट थे लेकिन आगे चलकर उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की।

बचपन से थे पढ़ाई में कमजोर

राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले आकाश कुलहरि की गिनती हमेशा से कमजोर छात्रों में रही, लेकिन उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर हर किसी की सोच बदल दी। एक इंटरव्यू के दौरान आकाश बताते हैं कि दसवीं में फेल होने की वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था उनके माता-पिता इससे काफी दुखी थे इस घटना के बाद आकाश पढ़ाई को लेकर गंभीर हो गए।

ग्रेजुएशन के दौरान किया परीक्षा देने का फैसला

उन्हें 12वीं की परीक्षा में 85% अंक मिले। इससे वे दोबारा अपने माता-पिता का विश्वास हासिल कर पाए। आकाश कॉमर्स बैकग्राउंड से थे इसलिए उन्होंने बीकॉम से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इस दौरान उनके आगे दो विकल्प थे। पहला की वह एमबीए में दाखिला लेकर कारपोरेट सेक्टर ज्वाइन करें और दूसरा सिविल परीक्षाओं के तरफ आगे बढ़ें और दूसरा विकल्प सिविल सेवा में जाने का था।

पहले प्रयास में हुए सफल

आकाश बताते हैं कि मैं कभी पढ़ाई को लेकर सीरियस नहीं था लेकिन जब से सिविल सर्विस ज्वाइन करने का फैसला किया उस दिन से पढ़ाई में जुट गया। साल 2006 में आकाश कुलहरि ने अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल की। एक इंटरव्यू के दौरान आकाश बताते हैं कि उनकी मां चाहती थी कि उनके बच्चे अधिकारी बनकर देश सेवा करें। वे अपनी मां की इच्छा को पूरी करने के लिए इस राह पर निकल पड़े।

आकाश को सफल देख उनके छोटे भाई भी इसी राह पर निकल पड़े और आज वह भी अधिकारी बन देश की सेवा कर रहे हैं।

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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