अनोखा रक्षाबंधन: भाई की जान बचाने को बहनों ने गिफ़्ट कर दिया अपना लिवर, आखें नम कर देगी ये कहानी!

उत्तर प्रदेश का एक जिला है बदायूं , रक्षा बंधन के त्यौहार पर एक ऐसी कहानी सामने आई है जिसे पढ़ने के बाद किसी की भी आंखें नम हो जाएंगी। यंहा रक्षा बंधन के दिन भाई-बहन की कहानी ने मिसाल पेश की है। दो बहनों ने अपने 14 साल के भाई की ज़िन्दगी बचाने के लिए अपना आधा-आधा लिवर दान कर दिया। भाई के लिए इससे बड़ा उपहार क्या हो सकता है।
बदायूं के जवाहरपुरी निवासी व बिल्सी के नन्नूमल जैन इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य राजेश गुप्ता के परिवार में इस बार रक्षाबंधन बेहद खास है। राजेश गुप्ता के बेटे अक्षत उर्फ कृष्णा का लिवर डैमेज हो गया था। जिसकी बजह से बह बीते एक महीने से ज़िन्दगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था।
एक महीने पहले उसका लीवर फ़ेल हो गया और उसे भयंकर जॉन्दीस हो गया। अक्षत का केस और ज़्यादा पेंचीदा था क्योंकि उसका वज़न 92 किलोग्राम था। तबियत लगातार बिगड़ रही थी, जल्द ही लीवर ट्रांसप्लांट होना बेहद जरुरी था।
The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार मेदांता अस्पताल के Paediatric Liver Diseases and Transplantation की डायरेक्टर डॉ.नीलम मोहन ने बताया कि अक्षत की दो बहनें, नेहा (29) और प्रेरणा (22) अक्षत को लीवर दे सकती थीं लेकिन उनका वज़न काफ़ी कम था। इसलिए दोनों बहनों ने ही अपना आधा लिवर भाई को दिया।
मेदांता अस्पताल के Liver Transplant Institute के चेयरमैन और इस केस के चीफ़ सर्जन, Dr.A.S.Soin ने बताया कि ये सर्जरी बेहद लंबी और क्रिटिकल थी। अस्पताल में बीते 6 जुलाई को ये सर्जरी हुई। 15 घंटों की कठिन सर्जरी के बाद तीनों को रिकवरी के लिए ICU में शिफ़्ट किया गया।
माता-पिता के लिए तीनों बच्चों को एकसाथ सर्जरी के लिए भेजना बहेद कठिन निर्णय था। डॉक्टर्स के लिए भी तीनों भाई-बहन की सर्जरी करना सरल नहीं था। क्यूंकि तीनो बच्चो की जिंदगी एक साथ दाव पर लगी हुई थी।
अक्षत की दोनों बहनें नेहा और प्रेरणा ने अपने लिवर का हिस्सा ट्रांसप्लांट कराकर अक्षत को नया जीवन दिया है। दिल्ली से कुछ दिन पहले ही घर आए अक्षत अब स्वस्थ हैं। बहनों ने राखी बांधकर अक्षत को ही रक्षा का वचन दिया है।
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