इलेक्ट्रिशियन पिता ने बेटी को पढ़ाने के लिए बेच दी थी जमीन, बिटिया ने भी IAS बन कर गरीब पिता का मान बढ़ाया

हमारे देश में हर साल सैकड़ों युवा सिविल सर्विस की तैयारी करते हैं, जिनमें से कुछ युवा सफलता प्राप्त करते हैं तो वहीं कुछ का सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में कुछ लोग मुश्किल हालातों का सामना करते हुए सिविल सर्विस ज्वाइन करते हैं, जिनकी कहानी कई युवाओं को प्रेरित कर सकती है।
संघर्ष करके अपने सपने को पूरा करने वाले लोगों की लिस्ट में उर्वशी सेंगर का नाम भी शामिल है, जिन्होंने दो बार विफल होने के बावजूद भी सिविल सर्विस की तैयारी जारी रखी और UPSC की परीक्षा पास करके आखिरकार सरकारी पद हासिल करने में कामयाब हो गई।
कौन है उर्वशी सेंगर?
मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में जन्मीं उर्वशी सेंगर इन दिनों सुर्खियों में हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर सिविल सर्विस का एग्जाम क्लियर करने में सफलता हासिल की है। उर्वशी के पिता पेशे से एक इलेक्ट्रिशियन है, ऐसे में उनके लिए बेटी का सरकारी पद पर कार्यारत होने बेहद गर्व की बात है।
उर्वशी सेंगर ने UPSC 2020 की परीक्षा को पास करके 532वां रैंक हासिल किया है, जिसके तहत उन्हें इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट सर्विसेज या भारतीय राजस्व सेवा (IRS) जैसे सरकारी विभागों में पद संभालने का अवसर मिल सकता है।
दो बार असफल हो गई थी उर्वशी
ऐसा नहीं है कि उर्वशी सेंगर ने यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) को पहली ही कोशिश में पास कर लिया था, बल्कि इसके लिए उन्हें दो बार असफलता का मुंह भी देखना पड़ा था। उर्वशी ने ग्वालियर में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई पूरी की थी, जिसके बाद उन्होंने KRG गर्ल्स कॉलेज में बीएससी मैथमेटिक्स में एडमिशन ले लिया था।
साल 2015 में कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल करने के बाद उर्वशी ने ज्योग्राफी में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी की थी, जिसके बाद उन्होंने साल 2017 में ज्योग्राफी से ही यूजीसी नेट का एग्जाम क्वालिफाई किया था, हालांकि उर्वशी को प्रीलिम्स में सफलता नहीं मिल पाई।
इसके बाद उर्वशी ने साल 2019 में दूसरी बार सिविल सर्विस की तैयारी की, लेकिन इस बार भी वह प्रीलिम्स क्लियर नहीं कर पाई। हालांकि उर्वशी ने दो बार असफलता मिलने के बावजूद भी हार नहीं मानी और साल 2020 में यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उन्हें आखिरकार सफलता मिल गई।
उर्वशी का मानना है कि यूपीएससी का सफर उनके लिए बहुत सारे अनुभवों से भरा हुआ था, जिसमें उन्हें बहुत कुछ सीखने और समझने का मौका मिला। यूपीएससी की तैयारी के लिए उर्वशी ग्वालियर से दिल्ली आई थी, जहाँ उन्होंने प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी ली थी।
उर्वशी का कहना है कि इस ट्रेनिंग के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि अगर कोई व्यक्ति चाहे तो सारी चुनौतियों का सामना करके अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उनका मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ फील्ड में उतर कर जिंदगी की सच्चाईयों को सामना करना लर्निंग अनुभव होता है।
फीस भरने के लिए पिता ने बेची थी जमीन
उर्वशी के पिता रविंद्र सिंह इलेक्ट्रिशयन का काम करते हैं, इसलिए जाहिर-सी बात है कि उनके ऊपर चार बच्चों की परवरिश करने के साथ-साथ उन्हें पढ़ाई लिखाई की बोझ काफी ज्यादा होगा। हालांकि इसके बावजूद भी रविंद्र सिंह ने अपनी हैसियत से ऊपर उठकर उर्वशी की पढ़ाई पर पैसा लगाया था।
उनके पास उर्वशी की कोचिंग क्लास के फीस भरने के पैसे नहीं थे, ऊपर से उर्वशी दिल्ली जैसे बड़े शहर में रह रही थी। लिहाजा उसका खर्च उठाने के लिए रविंद्र सिंह ने अपनी जमा पूंजी से खरीदे हुए एक छोटे से प्लॉट को बेच दिया, ताकि उर्वशी की पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए।
स्कूल के दिनों में तय कर लिया था लक्ष्य
उर्वशी सेंगर का कहना है कि उन्हें मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत अपने परिवार से मिलती है, जो हमेसा उन्हें आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा देते हैं। ऐसे में जब उर्वशी यूपीएससी की तैयारी करती थी, तो उन्हें अपने परिवार के सदस्यों का चेहरा याद आता था। ऐसे में उर्वशी ने अपने परिवार को याद रखते हुए कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।
ग्वालियर की उर्वशी सेंगर UPSC परीक्षा में 534वीं रैंक हासिल की, मजदूर की बेटी है उर्वशी, पिता घर-घर जाकर बिजली का काम करते है…#NewsNationTV @VidyaNathJha pic.twitter.com/vm2Es6NyGU
— Dipankar Nandi (@dipankar4News) September 27, 2021
उर्वशी हमेशा से देश की सेवा में काम करना चाहती थी, जिसकी मोटिवेशन उन्हें अपने स्कूल के दिनों में मिली थी। उर्वशी अपने स्कूल टाइम में कलेक्टर के आदेश से प्रभावित हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अपनी एनसीसी टीचर से इस विषय में बातचीत की और सिविल सर्विस की तैयार करने का मन बना लिया था।
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