कोरोना की वजह से गई पापा की जान, अब पापा की फेवरेट टीम ने बेटे को बना दिया करोड़पति, नीलामी के बाद भर आई आंखें?

हाल ही में वेस्टंडीज में खेले गए आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में भारत ने जीत हासिल की थी जिसके बाद से कयास लगाए जाने लगे थे कि भारत की जूनियर टीम के खिलाड़ी आईपीएल-2022 मेगा नीलामी में कमाल करेंगे और हुआ भी ऐसा ही।
अंडर-19 टीम के सितारे बिके और उनमें से ही एक रहे राजवर्धन हंगरगेकर इस दाएं हाथ के गेंदबाज को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चार बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा है राजवर्धन को चेन्नई ने 1.5 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा है।
जिसके बाद राजवर्धन के लिए ये भावुक पल रहा क्योंकि चेन्नई वो टीम है जो उनके पिता की पसंदीदा टीम थी और आज जब राजवर्धन का नाता इस टीम से जुड़ गया है तो उनके पिता ये दिन देखने के लिए जिंदा नहीं हैं।
राजवर्धन के पिता 2020 में कोविड के कारण चल बसे थे चेन्नई सुपर किंग्स उनके पिता की पसंदीदा टीम थी और टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उनके पसंदीदा क्रिकेटर अब से कुछ महीनों बाद राजवर्धन के शरीर पर सीएसके की जर्सी होगी।
काश पापा जिंदा होते!
राजवर्धन रविवार को नीलामी देख रहे थे एक बेटे के लिए ये सपने जैसा था राजवर्धन ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा,
“मेरे पिता सीएसके को काफी पसंद करते थे और वह निजी तौर पर उस टीम को फॉलो करते थे काश कि वो ये दिन देखने के लिए जिंदा होते और वो जहां भी होंगे निश्चित तौर पर खुश होंगे मेरे पास शब्द नहीं हैं.” ये बात करते हुए राजवर्धन भावुक हो गए’
पैसा नहीं खेलना जरूरी
राजवर्धन ने कहा, “है कि उनके लिए पैसा नहीं खेलना जरूरी है दाएं हाथ के इस गेंदबाज ने कहा पैसे से ज्यादा मेरे लिए खेलना जरूरी है जैसे-जैसे मैं प्रदर्शन करता जाऊंगा ये चीजें आती जाएंगी इसलिए मेरा ध्यान इस समय क्रिकेट खेलने पर है.”
धोनी की कप्तानी में खेलने के सवाल पर राजवर्धन ने कहा, ” मैं उनका मार्गदर्शन लूंगा उनसे सीखने को काफी कुछ है.”
राजवर्धन के कोच चाहते हैं की
राजवर्धन के कोच मोहन जाधव चाहते हैं कि वह धोनी पर निगाहें रखें उन्होंने कहा, “आईपीएल में खेलना किसी भी क्रिकेटर का सपना होता है राजवर्धन को मेरी एक ही सलाह रहेगी कि वो धोनी को देखें और सीखें मुझे पता है कि अगर उसे मौका मिला तो वह अपनी प्रतिभा दिखा देगा हां थोड़ी बहुत घबराहट होगी लेकिन वो मानसिक तौर पर मजबूत है उसने जून 2020 में जब अपने पिता को खोया था तब से मैंने उसे एक इंसान के तौर पर बेहतर होते देखा है.”
[ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]