सड़को पर माँगता था भीख ,जब सच्चाई आई सामने तो निकला करोड़ों की संपत्ति का मालिक

सड़को पर माँगता था भीख ,जब सच्चाई आई सामने तो निकला करोड़ों की संपत्ति का मालिक

किसी भी इंसान की मानसिकता बेहतर होना उसके लिए बहुत ही अहम है. एक्चुअल में मानव में मानसिक स्थिति एक ऐसी चीज है जिसके सही रहने पर व्यक्ति अपनी पहचान बनाने के लिए जीते मरते हैं लेकिन यदि समाज में पहचान नहीं होती है तो हम ऐसी जिंदगी जीने पर मजबूर हो जाते हैं जिसे हम कभी नहीं चाहते है. दरअसल ऐसा ही कुछ हुआ एक करोडपति आदमी के साथ जो जिसकी मानसिक स्थिति ठीक न होने पर वो हरियाणा जा पंहुचा और भीख मांगने लग गया लेकिन किस्मत ने उसका साथ दिया और उसे आख़िरकार अपने परिवार से मिलवा दिया। लेकिन हैरानी की बात तो ये हुई की जब शिनाख्त हुई तब पता चला कि भीख मांगने वाला ये शख्स कोई छोटा मोटा आदमी नहीं बल्कि करोड़पति निकला, और उसे उसकी बहन ने पहचाना, तो चलिए हम आपको बताते हैं इस दिलचस्प कहानी के बारे में विस्तार।

दरअसल कुछ महीनों से एक आदमी हरियाणा के अंबाला कैंट की पुरानी अनाज मंडी के पास स्थित एक मंदिर में भीख मांग रहा था। लेकिन बाद में जानकारी हुई कि ये कोई भिखारी नहीं बल्कि करोड़पति है। और ये दो बहनों का एकलौता भाई है और ये आजमगढ़ का रहने वाला है। इसका असल नाम धनंजय ठाकुर बताया गया है जबकि मंडी में इसे लोग जटाधारी के नाम से पुकारते हैं। वही इनके पिता राधेश्याम सिंह कोलकाता की एक बड़ी कंपनी में एचआर के पद पर हैं। बीते दिनों धनंजय की छोटी बहन नेहा सिंह लखनऊ में अपने भाई को लेने पहुंची और फिर उन्होंने अपने लाडले भाई के बिछड़ने की कहानी बताई।

एक्चुअल में ये कहानी इस प्रकार है की एक दिन धनंजय के पैर से खून बहने लगा था तो गीता गोपाल संस्था के सदस्य ने उन्हें पट्टी कराने के लिए बुलाया। लेकिन जब उनसे पूछा कि वे कहां के रहने वाले हैं तब उन्हें याद नहीं आ रहा था। क्योकि इनका मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से उन्हें एक नंबर याद आ गया, जब इस नंबर पर फोन किया तब पता चला कि वो आजमगढ़ का नंबर है। फोन किसी शिशुपाल को कनेक्ट हुआ और इसके बाद साहिल नाम के व्यक्ति ने धनंजय के बारे में बताया. पता चला कि शिशुपाल उसके ताऊ हैं। उन्होंने युवक का नाम धनंजय उर्फ धर्मेंद्र बताया।

उन्होंने बताया की दो साल पहले धनंजय घर से गायब हो गया था लेकिन जब उसकी बहन हरियाणा भाई को लेने पहुंची तो उसका हाल देखकर रोने लगी। बहन के मुंह से सिर्फ इतना निकला-धर्मेंद्र तुम्हे फोन नंबर याद था तो दो साल पहले ये फोन नहीं करवा सकते थे। इसके बाद धनंजय की बहन नेहा ने मिडिया को सारी जानकारी देते हुए कहा कि इकलौता भाई होने के कारण धनंजय परिवार का लाडला है और बहुत ज्यादा जिद्दी भी। उसने ग्रेजुएशन किया है लेकिन उसे नशे की लत लग गई थी।

नशे की लत के कारण ही इसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी थी और उसने एक दिन घर भी छोड़ दिया। परिवार ने उसे बहुत ढूंढने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मिला। अब तक घरवालों ने आस भी छोड़ दी थी। दो दिन पहले उन्होने बुआ से कहा था कि लगता है कि अब भाई दुनिया में नहीं है। बहन ने भाई के लिए गुरुवार के व्रत भी रखे और संयोग से इसी दिन भाई के जिंदा होने की खबर मिली।

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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