तालिबान सरकार के लिए ‘चाणक्य’ बनने को तैयार भारत! देगा विदेश नीति और कूटनीति की ट्रेनिंग

तालिबान सरकार के लिए ‘चाणक्य’ बनने को तैयार भारत! देगा विदेश नीति और कूटनीति की ट्रेनिंग

भारत ने तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय में कार्यरत अधिकारियों और डिप्लोमेट्स को ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। यह ट्रेनिंग काबुल में भारतीय दूतावास के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से देंगे। इसमें अंग्रेजी की समझ रखने वाले तालिबान अधिकारी शामिल होंगे।

उन्हें विदेश नीति और कूटनीति की बारीकियों को समझाया जाएगा। तालिबान सरकार ने इस ट्रेनिंग को लेकर खुद एक आदेश जारी किया है। इसमें तालिबान अधिकारियों से ट्रेनिंग में शामिल होने की अपील की गई है। उन्हें यह भी बताया गया है कि ट्रेनिंग के बाद इन अधिकारियों को एक रिपोर्ट भी सौंपनी होगी।

तालिबान ने अपने अधिकारियों को जारी किया आदेश

अफगानिस्तान के इस्लामी विदेश मंत्रालय कूटनीति संस्थान की तरफ से जारी पत्र के अनुसार, इसमें विदेश मंत्रालय के अंतर्गत शामिल सभी आतंरिक शाखाओं में काम करने वाले अधिकारी हिस्सा ले सकते हैं। पत्र में लिखा है कि काबुल में भारत के दूतावास ने ज्ञापन 05/2023/No.kabul/nv दिनांक 1/22/2023 के माध्यम से,

विदेश मंत्रालय ने कर्मचारियों के लिए एक अल्पकालिक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन की मंजूरी दी है। जो मंत्रालय के आधिकारिक कर्मचारी हैं और अंग्रेजी भाषा में अधिक रुचि रखते हैं वो इस लिंक (https:/litegol.in/eitec) का उपयोग कर सकते हैं।

14 से 17 मार्च तक होगी ट्रेनिंग

इस पाठ्यक्रम को एमिनर्सिंग विद इंडियन थॉट्स का नाम दिया गया है। इसे 14 से 17 मार्च 2023 तक आयोजित किया जाना है। तालिबान ने पत्र के आखिर में लिखा है कि जो प्रतिभागी इस ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे, उन्हें आखिर में एक संक्षिप्त रिपोर्ट मंत्रालय को प्रस्तुत करनी होगी। इस पत्र पर मुफ्ती नुरुल्लाह आजम के हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि, भारत की तरफ से इस ट्रेनिंग को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

भारत से संबंध मजबूत कर रहा तालिबान

तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से ही भारत के साथ संबंधों को अहमियत दी है। तालिबान के कब्जे के पहले ही भारत ने अपने काबुल दूतावास और बाकी शहरों के महावाणिज्यिक दूतावासों को खाली कर दिया था।

हालांकि, तालिबान ने इनकी हिफाजत की और छोटे से छोटे सामान का ध्यान रखा। तालिबान शुरू से ही भारत को सुरक्षा की गारंटी दे रहा है और अधूरे प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू करने की चाहत रखता है। तालिबान के कई वरिष्ठ अधिकारी भारत के साथ बातचीत के पक्षधर हैं। यही कारण है कि भारत ने काबुल में अपने दूतावास को अस्थायी तौर पर खोला है।

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