कंगाल पाकिस्तान के लिए यह देश बना सबसे बड़ा ‘संकटमोचक’, 1 अरब डॉलर कर्ज का किया वादा, पुराना चुकाने की मियाद भी बढ़ाई
पाकिस्तान (Pakistan) आर्थिक तंगी के बुरे दौर से गुजर रहा है. आर्थिक तंगी के कारण वहां महंगाई आसमान छू रही है. पाकिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में अब पाकिस्तान के लिए UAE संकटमोचक बनकर सामने आया है.
पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तान की मदद की है. संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान को कर्ज चुकाने के लिए और अवधि बढ़ाने का फैसला किया है.
19 जनवरी को, अबू धाबी फंड फॉर डेवलपमेंट (ADFD) ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के साथ अपनी 2 अरब डॉलर की जमा राशि बढ़ा दी है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार के अनुसार, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के साथ पाकिस्तान की हालिया यात्रा के दौरान रोलओवर (कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ाना) के बारे में बात की.
जियो न्यूज के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति ने मौजूदा 2 अरब डॉलर के ऋण को आगे बढ़ाने के अलावा 1 अरब डॉलर का अतिरिक्त ऋण देने का वादा किया है. संयुक्त अरब अमीरात से प्राप्त वित्तीय सहायता पाकिस्तान को आर्थिक तंगी के बीच सहारा बनी है.
पाकिस्तान के लिए बाहरी वित्त बहुत जरूरी
आपको बता दें कि SBP के पास वर्तमान में $4.5 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो केंद्रीय बैंक के तीन सप्ताह के आयात बिल के बराबर है.
बैंक के अनुसार एसबीपी की विदेशी मुद्रा की धारिता घटकर 4.3 अरब डॉलर के महत्वपूर्ण स्तर पर आ गई, जो बमुश्किल तीन सप्ताह के आयात के लिए है.
पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के लिए बाहरी वित्त आवश्यक है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पाकिस्तान को धन की एक नई 1.1 बिलियन डॉलर की किश्त के हस्तांतरण को मंजूरी देने के लिए नौवीं समीक्षा (Review) सितंबर से रुकी हुई है.
सहयोगी देश भी पाकिस्तान को कर्ज मांगने वाला समझते हैं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सितंबर 2022 में दावा किया कि सहयोगी भी पाकिस्तान को लगातार वित्तीय सहायता मांगने वाला देश मानते हैं. शरीफ के मुताबिक, बाढ़ से पहले ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में थी.
उन्होंने दावा किया कि बाढ़ के बाद चीजें और भी चुनौतीपूर्ण हो गई हैं. उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तानी अधिकारी किसी मित्र देश का दौरा करते हैं या टेलीफोन पर बात करते हैं तो लोगों को लगता है कि पाकिस्तान पैसे की भीख मांगने आया है.