सारी उम्र पिता ने की खेती, बेटे को मिला 2.5 करोड़ का पैकेज, मेहनत रंग लाई

सारी उम्र पिता ने की खेती, बेटे को मिला 2.5 करोड़ का पैकेज, मेहनत रंग लाई

दोस्तों आज के आर्टिकल की शुरुआत से पहले हम आप को एक शार्ट स्टोरी बताते है,दोस्तों अगर आप को ये स्टोरी पसंद आये तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताये.एक समय की बात है एक गाँव में एक बहुत धनी व्यक्ति रहता था.वह सिर्फ धन से नहीं मन से भी अमीर था.वह अपने गाँव की लोगों की हर मुश्किल परिस्थति में मदद करता था.उसका नाम दूसरेगावों में भी प्रसिद्ध था.

 

 

लेकिन उसका बेटा बहुत आलसी था, कोई काम करना नहीं चाहता था.इस बात से परेशान होकर वह व्यक्ति अपने एक दोस्त के पास गया और अपने बेटे के बारे में उसे बताया.उसके दोस्त ने उससे कहा परेशान होने की कोई बात नहीं तुम उसे मेरे पास भेज दो में उसे कुछ महीनों में ठीक कर दूंगा.उस धनी व्यक्ति ने घर आकर अपने बेटे को पास बुलाया और कहा देखो बेटा, में अब वृद्ध होता जा रहा हूँ.अब तुम्हें सारा काम देखभाल करना होगा.क्योंकि तुमने कभी कोई काम किया नहीं है, इसलिए मेरे एक दोस्त के पास जाओ वह तुम्हे सारा काम समझा देगा.बस कुछ महीनों की बात है उसके बाद तुम वापस आ जाना.

अगले दिन वह लड़का अपने पिता के मित्र के पास गया और कहा चाचा जी मुझे पिताजी ने आपके पास काम सिखने के लिए भेजा है.उस आदमी ने कहा ठीक है आओ बेटे में तुम्हे काम दिखा देता हूँ.उस लड़के को एक बड़ी बंजर सुखी जमीन के सामने ले जाकर कहा बेटे जाओ इस जमीन को जोतों.उस लड़के को बहुत गुस्सा आया फिर भी उसने गुस्से को रोकते हुए कहा पर चाचा जी पिताजी ने काम सिखने को कहा है और आप ये बेकार जमीन जोतने को दे रहे है और इसकी मिट्टी भी पूरी सख्त है.उस आदमी ने कहा बेटे में जो कह रहा हूँ उसे करो उसके बाद में काम के बारे में अच्छी तरह से समझा दूंगा.

वह लड़का न चाहते हुए भी काम पर लग गया और सोचा कुछ ही दिनों की तो बात है उसके बाद घर जाकर फिर आराम ही आराम करूँगा.पहले दिन उसका हालत खराब हो गया वह पूरी तरह से थक गया था और मन ही मन अपने पिता को कौस रहा था उसके बाद वह रात को खाना खाकर सो गया.अगली सुबह वह फिर उस आदमी के पास गया और कहा चाचा जी आज क्या काम करना है.उस आदमी ने कहा बेटे आज आज बाजार जाकर कुछ बीज और पौधे लेकर आना और उस जमीन पर लगा देना. उसने ऐसा ही किया और रोज पेड़-पौधों में पानी डालता रहा और उसकी देखभाल करने लगा.

 

इस तरह कुछ महीने बीत गए. और वह बंजर जमीन एक सुंदर बगीचे में बदल गया.तब उस आदमी ने उस लड़के को पास बुलाया और उसे समझाया देखो बेटे यह जमीन कितना बंजर थी.तुमने इस पर मेहनत करके एक सुन्दर बगीचे में बदल दिया.उसी तरह आलसी का जीवन बिना कर्म के व्यर्थ होता है.वह लड़का समझ गया की मेहनत रंग लाती है और उसने कहा चाचा जी में अब से में भी किसी काम में आलस नहीं करूँगा.कुछ दिनों बाद वह धनी आदमी अपने बेटे से मिलने आया.उसका दोस्त उसे बेटे के पास ले गया.उस आदमी ने देखा उसका बेटा एक बहुत ही सुन्दर बगीचे के पेड़ – पौधों में पानी डाल रहा था.उस आदमी ने पूछा मित्र तुम्हारे यहाँ तो यह बगीचा नहीं था यह कब बनाया.दोस्त ने कहा यह बगीचा तुम्हारे बेटे ने ही बनाया है और उसके कामों की तारीफ करने लगा.यह सुन उस धनी व्यक्ति के आँखों से आंसू आ गया और उसने अपने मित्र को धन्यवाद दिया.और अपने बेटे को लेकर चला गया.

शिक्षा : दोस्तों हम अपने आलस के वजह से न जाने जिंदगी में कितने मौके गवा देते है.इसलिए हमें लगातार अपने सपनो के लिए परिश्रम करना चाहिए.किसी महान व्यक्ति ने कहा है की जो सोता है,वो खोता है और जो मेहनत करता है वह पाता है.छोटे शहर के लोग जब तमाम दिक्कतों के बाद बड़ा मुकाम हासिल कर लेते हैं तो बात बहुत ऐसे लोगों तक पहुंच जाती है जो जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं.उत्तराखंड के रहने वाले रोहित नेगी जिनके पिता किसान हैं.इन दिनों वो खबरों में छाए हुए हैं.फिलहाल रोहित आईआईटी गुवाहटी से MTech कर रहे हैं.लेकिन उन्हें उबेर कंपनी से एक बहुत बड़ा ऑफर मिला है

कोटद्वार भाबर के निवासी रोहित को उबर की ओर से 2.05 करोड़ का सालाना पैकेज मिला है.इस क्षेत्र में किसी छात्र को मिलने वाला अब तक का यह सबसे बड़ा पैकेज है.उनकी बेसिक सैलरी 96 लाख होगी.वो उबेर में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करेंगे.आईआईटी गुवाहाटी के प्लेसमेंट एंड इंटरनशिप सेल के इंचार्ज प्रो. अभिषेक कुमार और कोआर्डिनेटर स्मिता सक्सेना ने इस बात पुष्टि की.

रोहित के पिता पेशे से एक किसान हैं.उनके माता-पिता ने बड़ी ही मुश्किल दौर से गुजरकर रोहित को पढ़ाया है.रोहित कहते हैं,मैं एक निम्न मध्यम वर्ग से आता हूं.मेरा परिवार मुश्किल से 10,000 रुपये महीने कमा पाता है.मेरे पिता किसान हैं और मां गृहिणी, मेरी बहन नर्स है। पर अब मेरा 2.05 करोड़ रुपये पैकेज हमारे परिवार के लिए यह खुशी की बात है.वो सब बहुत खुश हैं.

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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