आधुनिक तकनीक से आलू की फसल लगाने में जुटे किसान, 4 घंटे में ही एक एकड़ में लगा दी फसल

ग्रामीण क्षेत्र के किसान भी आज आधुनिक तकनीक के साथ कृषि करने में जुटे हुए हैं और फसल का अच्छा उत्पादन हासिल कर आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं। साथ ही अन्य किसानों को भी नई तकनीक से खेती करने के बारे में जागरूक बना रहे हैं। कुछ ऐसे ही उन्नत किसान है गांव गाजियां में जो कि आलू की खेती करने के लिए प्लांटर नामक मशीन के साथ आलू की फसल लगाने में जुटे हुए हैं।
नई मशीन के साथ फसल लगाने में जुटे उन्नत किसान महेश चौधरी का कहना है कि उन्होंने आलू की फसल लगाने के लिए 70000 रुपए में बाजार से प्लांटर नामक मशीन खरीदी और इससे आलू की फसल लगा रहे हैं। इससे उनका लेबर का खर्चा भी बचता है क्योंकि अगर लेबर से प्रति कनाल आलू की फसल की लगवाई जाती थी तो उनका प्रति कनाल 1000 पर लेबर पर खर्चा आ जाता था मगर प्लांटर मशीन मात्र 4 घंटे में ही एक एकड़ के करीब आलू की फसल लगा देती है और बड़ी बात तो यह है कि इस मशीन के साथ लगाए गए आलू गोल निकलते हैं क्योंकि मशीन जमीन की मिट्टी को पूरी तरह से बारीक और अच्छी फसल का उत्पादन देने के लायक बना देती है जोकि चिप्स बनाने के काम भी आते हैं।
उन्होंने बताया मशीन के अंदर बने एक बॉक्स में आलू का बीज डाल दिया जाता है और ट्रैक्टर के साथ मशीन को खींचकर बीज को खुद-ब-खुद मशीन खेत में लगा देती है। कृषि विभाग की ओर से भी उन्हें मशीन के बारे में बराबर गाइडेंस दी गई जिसके चलते आज वह नई तकनीक का इस्तेमाल करके फसल का अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से भी अपील करते हुए कहा कि वह भी परंपरागत खेती से हटके अन्य दूसरी खेती को भी अपनाएं और इसमें नई नई मशीनों का इस्तेमाल करें जिससे उनको भी लाभ मिल सके।
इसी तरह गांव के अन्य किसान रमेश कुमार, मदनलाल, अशोक कुमार आदि का कहना है कि बाजार से आलू की फसल लगाने के लिए उनको भी काफी लेबर का खर्चा उठाना पड़ता है। उन्होंने भी खुद इस प्लांटर मशीन को अपनी आंखों से फसल को लगाते हुए देखा है और उन्नत किसान महेश चौधरी से भी कुछ टिप्स हासिल किए हैं जिसके चलते वह भी अब बाजार से प्लांटर मशीन को खरीद कर आधुनिक तरीके से आलू की खेती करने का मन बना रहे हैं।
इसके अलावा किसानों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आलू गोभी और अन्य जो सब्जियों की खेती किसान करते हैं उनको एमएसपी के दायरे में लाया जाना चाहिए ताकि किसानों को सब्जियों का अच्छा रेट मिल सके और वह मन लगाकर आगे भी इसी तरह खेती कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकें।
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