ये तस्वीर सिखा रही हैं सादगी का असली मतलब! बुजुर्ग संग जमीन पर बैठ ठहाके लगाते दिखे IAS Ramesh

ये तस्वीर सिखा रही हैं सादगी का असली मतलब! बुजुर्ग संग जमीन पर बैठ ठहाके लगाते दिखे IAS Ramesh

कहते हैं पद, प्रतिष्ठा और धन अपने साथ घमंड को लिए आते हैं, लेकिन कई ऐसे अधिकारी भी हैं जो इस बात को झुठला देते हैं. जमीन से जुड़े ऐसे ही एक आईएएस की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत रही है. ये तस्वीर इस बात की गवाही भर रही है कि एक आईएएस अधिकारी भी जमीन से जुड़ा हो सकता है.

इस तस्वीर में आप एक आईएएस अधिकारी को गांव के एक बुजुर्ग के साथ जमीन पर बैठकर ठहाका लगाते देख सकते हैं. ऐसी तस्वीरें बहुत कम देखने को मिलती हैं. यह तस्वीर है IAS अधिकारी रमेश घोलप की. उन्होंने जब अपनी ये तस्वीर ट्विटर पर लोगों के साथ शेयर की तो हर कोई उनकी सादगी का फैन बन गया.

पोस्ट की गई इन तीन तस्वीरों में ही आईएएस ऑफिसर की सादगी की पूरी कहानी है. वह अपनी इनोवा से नीचे उतरते हैं. गांव के एक बुजुर्ग के पास जाते हैं और उनके पास जमीन पर बैठ कर उनसे बात करने लगते हैं. तस्वीर में आईएएस घोलप बुजुर्ग के साथ ठहाके लगाते हुए दिख रहे हैं. इस दौरान आईएएस के बॉडीगार्ड कार में बैठ कर दोनों को देख रहे हैं. आईएएस की ये सादगी से भरी दिल जीतने वाली तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं.

आईएएस रमेश ने यह तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए ट्वीट के कैप्शन में लिखा कि ‘तज़ुर्बा है मेरा मिट्टी की पकड़ मजबूत होती है, संगमरमर पर तो हमने पांव फिसलते देखे हैं.’ उनके इस ट्वीट को लोगों द्वारा खूब पसंद और शेयर किया जा रहा है.

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के वारसी तहसील के महागांव के रहने वाले रमेश घोलप के पिता साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाते थे. उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि रमेश को दूसरे गांव में अपने चाचा के यहां रह कर पढ़ना पड़ा. बचपन में ही इनका एक पैर पोलियो की चपेट में आ गया था लेकिन इनके हौसले हमेशा बुलंद रहे. मां चूड़ियां बेच कर घर चलाती थी. बचपन में रमेश खुद मां के साथ चूड़ियां बेचने जाते और लोगों को चूड़ियां खरीदने के लिए आवाज़ लगाते.

बाद में उनकी कड़ी मेहनत ने उनका भविष्य और घर की दशा दोनों बदल दी. 2010 में रमेश अपने पहले प्रयास में यूपीएससी क्लियर नहीं कर पाए लेकिन 2011 में उन्होंने ऑल इंडिया 287वां रैंक प्राप्त किया और अधिकारी बन गए.

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don`t copy text!