ये है गुजराती खेडूत, जो जैविक हल्दी की खेती कर सालाना कर रहे है लाखों रुपए की कमाई

आज हर कोई अपना खुद का बिजनेस करना चाहते है या फिर खेती करते है. हम देखते हैं कि बहुत से लोग खेती करके साल में बहुत पैसा कमाते हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात में रहने वाले वल्लभभाई के साथ भी हुआ.
हम जीवन में आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग करते हैं, हल्दी हमारे लिए अनेक रोगों में लाभकारी है और हल्दी का प्रयोग हम सर्दी-खांसी या अन्य रोगों के उपचार के लिए कर रहे हैं.
हम किचन में खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल करते हैं. जब वल्लभभाई पटेल को प्राकृतिक खेती के बारे में पता चला, तो उन्होंने जैविक हल्दी उगाने का फैसला किया.
हल्दी आमतौर पर रासायनिक उर्वरकों द्वारा बाजार में तैयार की जाती है, लेकिन वल्लभभाई ने कम कीमत पर अधिक गुणवत्ता और बेहतर माल प्राप्त करने के लिए जैविक हल्दी का उत्पादन शुरू किया था.
इसके बाद वल्लभभाई को हल्दी की प्राकृतिक खेती के लिए इसे बोने में लगभग तीन महीने का समय लगा और इस खेती को ड्रिप सिंचाई विधि से उगाया गया और वल्लभभाई ने कहा कि एक हल्दी के पौधे से लगभग दो किलो हरी हल्दी मिलती है.
लगभग आठ महीने में हल्दी की फसल तैयार होने के बाद वल्लभभाई ने हरी हल्दी पाउडर बनाने के बजाय इसे काटकर बाजार में बेच दिया.हल्दी को सुखाने के लिए बॉयलर और क्रशर भी लगाए गए और वल्लभभाई के परिवार ने पैकिंग की जिम्मेदारी ली और उसे बेचने लगे.
हल्दी के लिए वल्लभभाई ने मेहनत की तो उन्हें बहुत बड़ी सफलता मिली है.हैवल्लभभाई आज एक विघा जमीनमें से हल्दी पाउडर का उत्पादन और बिक्री कर बसें आठ लाख रुपये से ज्यादा कमाई कर रहे है.
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