शोध रिपोर्ट में किया गया अविश्वसनीय घटना का खुलासा आत्मा का असली वजन इतना
क्या दुनिया में आत्माएं हैं? क्या शरीर के नष्ट होने के बाद आत्मा दूसरे शरीर में प्रवेश करती है? ये ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब दुनिया को अभी तक नहीं मिल पाया है, लेकिन प्रयास अभी भी जारी हैं। तो चलिए आज इस लेख में इस विषय पर थोड़ी और चर्चा करते हैं।
आत्मा मर जाती है और तुरंत चली जाती है:
सनातन संस्कृति के अनुसार संसार में जन्म लेने वाले प्रत्येक प्राणी की एक आत्मा होती है। जब शरीर समाप्त हो जाता है, तो आत्मा या तो वैकुंठ दुनिया मे प्रवेश करती है या अपने पिछले कार्यों के अनुसार नए जीवित शरीर में प्रवेश करती है। विज्ञान के थर्मोडायनामिक्स का सिद्धांत भी इसे साबित करता है। इस सिद्धांत के अनुसार, ऊर्जा को न तो व्यर्थ किया जा सकता है और न ही मिटाया जा सकता है। वह अपना रूप एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलता रहता है। आत्मा भी कभी नष्ट नहीं होगी। आत्मा का नाश नहीं हुआ तो उसका क्या होगा?
21 ग्राम वजन का अंतर:
वर्ष 1907 में अमेरिका के मैसाचुसेट्स के डॉ. डंकन मैकडॉगल ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए एक प्रयोग शुरू किया। इस प्रयोग के दौरान उन्होंने मृत्यु से पहले और बाद में व्यक्ति का वजन मापा। इस प्रयोग में उन्होंने पाया कि मरने से पहले और बाद में किसी व्यक्ति के वजन में लगभग 21 ग्राम का अंतर होता है।
क्या आत्मा का वजन 31 ग्राम है?
उन्होंने मरने वाले लोगों के साथ भी प्रयोग किया। दोनों तरह के वजन में हर बार 21 ग्राम का अंतर था। इन प्रयोगों ने साबित कर दिया कि शरीर के अंदर कुछ है जो समाप्त होते ही शरीर से होकर गुजरता है और इसका वजन 21 ग्राम होता है।
वैज्ञानिक रूप से पुष्टि नहीं:
कई लोगों का कहना है कि मृत्यु के तुरंत बाद शरीर से निकलने वाला यह रहस्यमयी तत्व और कुछ नहीं बल्कि आत्मा है। कई समाजशास्त्री ऐसा ही दावा करते हैं। हालांकि, आज तक इस बात की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है कि यह 21 ग्राम तत्व वास्तव में एक आत्मा या कुछ और है। यही कारण है कि दुनिया में आत्मा के वजन का रहस्य आज भी एक रहस्य बना हुआ है।