अपने लाडले बच्चे को बचाने के लिए मां ने लगा दी चेक डैम में छलांग, आखिरी सांस तक करती रही कोशिश

अपने लाडले बच्चे को बचाने के लिए मां ने लगा दी चेक डैम में छलांग, आखिरी सांस तक करती रही कोशिश

हर किसी के जीवन में मां का स्थान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मां ही होती है जो हमेशा अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है। जिस दिन हम पैदा होते हैं उस दिन माँ सबसे ज्यादा खुश हो जाती है और मां हमारे सुख-दुख की सारी वजह अच्छी तरह से जानती है। मां हमेशा अपने बच्चों को खुश रखने की कोशिश में लगी रहती है। मां और बच्चों के बीच का बंधन बहुत खास होता है जो कभी भी खत्म नहीं हो सकता। माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश में अपने बच्चों के लिए कमी नहीं होने देती है। मां हमेशा अपने सभी बच्चों को बराबर प्यार देती है।

मां हर परिस्थिति में अपने बच्चों के लिए समर्पित होती है। जन्म से लेकर अंतिम सांस तक मां अपने बच्चों की फिक्र करती रहती है और अपने बच्चों को हर खुशी देने की कोशिश करती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसी घटना के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसको जानने के बाद आपका मन बहुत दुखी हो जाएगा। दरअसल, एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें मां चेक डैम में डूब रहे अपने लाडले बच्चे को बचाने के लिए उसमें छलांग लगा दी परंतु दुर्भाग्यवश मां अपने बच्चे को बचाने में सफल नहीं हो पाई और खुद भी चेक डेम में डूब गई।

दरअसल, हम आपको जिस हादसे के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं यह मंडी जिले के जोगिंद्रनगर की है, जहां पर मां-बेटे की चेक डैम में डूबने से जान चली गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 25 जून की सुबह करीब 10:45 बजे चांदनी गांव की 38 वर्षीय रज्जो देवी अपने 10 साल के बेटे अभिषेक के लिए खेतों में काम करने के लिए जा रही थी। रास्ते में चेक डैम की पगडंडी से गुजरते हुए अचानक बेटे के पांव फिसल गए और वह डैम में जाकर गिर गया।

जब मां ने अपने लाडले बेटे को डूबते हुए देखा तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी और मदद के लिए लोगों को पुकारने लगी परंतु उस समय आसपास कोई भी उसको नजर नहीं आया, तो मां ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही अपने लाडले बच्चे को बचाने के लिए डैम में छलांग लगा दी। रज्जो देवी को तैरना नहीं आता था। जब खेतों में काम कर रहे आसपास के लोगों ने महिला की चीख सुनी तो वह तुरंत मौके पर पहुंच गए और चेक डैम से मां-बेटे को बेहोशी की हालत में बाहर निकाल लिया। फौरन दोनों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टर ने दोनों को भी मृत घोषित कर दिया।

आपको बता दें कि इस हादसे की वजह से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। परिवार में आईटीआई जोगिंद्रनगर में नौकरी कर रहा पिता और 14 साल की बेटी ही बची है। पुलिस ने दोनों शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिए हैं और हर पहलू को ध्यान में रखते हुए हादसे की जांच की जा रही है। भले ही रज्जो देवी अपने बच्चे और खुद को बचाने में कामयाब नहीं हो पाई परंतु यहां मां का अपनी औलाद के लिए समर्पण भाव का पता लग रहा है। माँ अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटती है।

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