पुरानी स्कूटर को बदलकर लेनी है नई इलेक्ट्रिक बाइक? अब यह कंपनी करेगी आपकी मदद, जानें कैसे

पुरानी स्कूटर को बदलकर लेनी है नई इलेक्ट्रिक बाइक? अब यह कंपनी करेगी आपकी मदद, जानें कैसे

क्या आप इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना चाहते हैं, लेकिन आपको नहीं पता है कि आप अपने पुराने आईसी इंजन वाले होंडा एक्टिवा का क्या करें? तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बेंगलुरु स्थित ओमनीचैनल कस्टमर ब्रांड क्रेडआर, अब ग्राहकों को अपने पुराने दोपहिया वाहनों को बदलकर बिल्कुल नया इलेक्ट्रिक टू व्हीलर दे रही है। वह भी मूल लागत से कम कीमत पर।

कंपनी ने कुछ महीने पहले दिल्ली स्थित क्रेयॉन मोटर्स से भागीदारी की, जिसके तहत ग्राहक किसी भी पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहन के बदले, क्रेयॉन मोटर्स का इलेक्ट्रिक बाइक ले सकते हैं। ग्राहक जैसे ही वाहनों को एक्सचेंज करने के लिए जाएंगे, क्रेडआर आपको उसका एक इंस्टेंट कोट देगा, जिससे नए वाहन की कीमत कम हो जाएगी।

कंपनी के एक प्रेस रिलीज में जिक्र किया गया है, “ग्राहकों की सुविधा के लिए इस प्रक्रिया को काफी आसान बनाया गया है और उन्हें कम से कम समय में, अपना नया वाहन मिल जाता है। कंपनी का एक प्रोप्राइटरी प्राइसिंग सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिए इंस्टेंट कोट जेनरेट होता है।

एक्सचेंज को पूरा करने के लिए कंपनी द्वारा सभी कागजातों और पेट्रोल वाहन के हेल्थ की पुष्टि की जाती है। फिर, उसी के आधार पर क्रेयॉन मोटर्स के नए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की अंतिम कीमत को कम कर दिया जाता है।”

कंपनी के दिल्ली-एनसीआर, जयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, पुणे और बेंगलुरु में 20 से अधिक शोरूम है और वे अगले तीन महीनों में इसका अहमदाबाद और हैदराबाद में विस्तार करने वाले हैं।

हालांकि, क्रेयॉन मोटर्स पहली इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी नहीं है, जिसके साथ क्रेडआर ने भागीदारी की है। बीते कुछ समय में कंपनी के साथ एनर्जी, एम्पीयर, हीरो इलेक्ट्रिक, बीलाइव, ओकिनावा, जेमोपाई, टेक इलेक्ट्रा जैसी कई कंपनियों ने भागीदारी की है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राह को आसान बनाना

क्रेडआर के संस्थापक निखिल जैन और शशिधर नंदीगाम हैं। उन्होंने कंपनी को 2014 में शुरू किया था। इसके तहत उनका लक्ष्य सेकेंड हैंड वाहनों की खरीद और बिक्री के तरीके को बदलना था। वर्षों के अनुभव के आधार पर, उन्होंने महसूस किया कि ग्राहकों को अनियमित सेकेंड हैंड डीलरों द्वारा कीमत, क्वालिटी, बीमा, गारंटी और वारंटी जैसी चीजों को लेकर धोखा दिया जाता है।

“आसान शब्दों में, हमारी नजर सेकेंड हैंड बाइक कैटेगरी में उसी कस्टमर एक्सपीरियंस को दोहराने की है, जो आपको नयी बाइक खरीदते समय मिलती है,” क्रेडआर के सीएसओ शशिधर नंदीगाम ने द बेटर इंडिया को बताया।

उनके बिजनेस के कई मुख्य पहलुओं में यह भी पता लगाना है कि, कंपनी ग्राहकों को अपनी पुरानी बाइक के बदले नई बाइक खरीदने में कैसे मदद कर सकती है। बीते 5 वर्षों के दौरान, उन्होंने कई मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs) के साथ भागीदारी की है।

कोरोना महामारी की पहली लहर की शुरुआत में उन्होंने उसी संबंध को आईसी-इंजन बाइक कंपनियों से इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं की ओर बढ़ाया। एथर एनर्जी के साथ इसकी शुरुआत करते हुए, उन्होंने आगे कई प्रमुख ई-बाइक कंपनियों के साथ भागीदारी की।

शशिधर कहते हैं, “हम भारत में ईवी इको-सिस्टम को बढ़ावा देना चाहते हैं। हमसे कई ग्राहकों ने कहा कि वे एक नया इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटर लेना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अपनी पुरानी रॉयल एनफील्ड से छुटकारा कैसे मिलेगा? ये ग्राहक पुराने बाइक डीलरों से बात नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें नुकसान का डर होता है। यदि इन क्षेत्रों में सुविधाओं को आसान करते हैं, तो ईवी वाहनों को अपनाने में स्वाभाविक रूप से बढ़ोत्तरी होगी।”

वह आगे कहते हैं, “इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता एक महत्वपूर्ण सवाल है। साथ ही, ईवी ग्राहक दूसरों की अपेक्षा अधिक विवेकवान होते हैं, क्योंकि वे एक उत्पाद के बजाय कांसेप्ट खरीद रहे हैं। उनकी अपेक्षा होती है कि लेन-देन प्रक्रिया भी दूसरे की तुलना में आसान हो। एथर एनर्जी के ग्राहक उम्मीद करेंगे कि पूरा एक्सचेंज प्रोसेस कुछ ही क्षण में हो जाए। इसलिए प्रतिस्पर्धा के तौर पर हमारे सामने अपनी तकनीकों को विकसित करने और अपनाने की चुनौती होती है। ”

आप EV के लिए अपनी पुरानी स्कूटर को कैसे बदलते हैं?

सबसे पहले आप क्रेडआर की वेबसाइट पर जाएं और ‘एक्सचेंज योर बाइक’ के विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद अपने शहर को चुनें और नई ई-बाइक के ब्रांड (जैसे – एथर एनर्जी या क्रेयॉन) का चयन करें, जिसे आप खरीदना चाहते हैं। इसके बाद आपको अपना मूल विवरण जैसे नाम, मोबाइल फोन नंबर और पिन कोड सबमिट करना होगा। फिर आपके फोन नंबर पर एक ओटीपी जेनरेट होता है।

इस प्रक्रिया के बाद, आप एक ऐसे पेज पर पहुंचते हैं, जहां आप जिस मॉडल को बेचना चाहते हैं, उसका चयन कर सकते हैं। फिर आपने वाहन को जिस वर्ष खरीदा था, उसका चयन करना होगा। फिर, आपको नए इलेक्ट्रिक वाहन के लिए प्रोप्राइटरी प्राइसिंग एप्लिकेशन के जरिए इंस्टेंस कोट किया जाएगा।

एक बार दाम पर सहमत हो जाने के बाद, आपको बाइक लेने और इन्स्पेक्शन करने के लिए एक टाइम स्लॉट दिया जाता है। इसके बाद, आप एक्सचेंज की पुष्टि करते हैं। यदि आपको दाम नहीं जंच रहा है, तो आपको क्रेडआर की ओर से एक फोन आता है कि वे आपकी मदद कैसे कर सकते हैं।

अधिकांश ग्राहक क्रेडआर द्वारा कोट किये गये कीमत से असहमत होते हैं, लेकिन एक बार कॉल आने के बाद वह जल्द ही राजी हो जाते हैं। हालांकि, हर कोई संतुष्ट नहीं होता है।

इसका एक और तरीका क्रेडआर से जुड़ी कंपनियों के शोरूम में जाना है। जहां सेल्स एग्जीक्यूटिव के पास क्रेडआर मोबाइल ऐप होता है। इस एप के जरिए आपके पुराने स्कूटर या बाइक के सभी 30-40 निर्धारित मानकों को कैप्चर किया जाता है। फिर, इस जानकारी को क्रेडआर के वेब सर्वर पर भेज दिया जाता है।

फिर 10-15 मिनट में, आपको नयी ई-बाइक की कीमत के बारे में पता चल जाता है। यदि आप उस कीमत से खुश होते हैं, तो आप आपने वाहन को क्रेडआर को बेच देते हैं और आपको पसंदीदा ब्रांड का नया ई-बाइक कम कीमत पर मिल जाएगा।

शशिधर बताते हैं, “मान लीजिए कि किसी नई ई-बाइक की कीमत 1 लाख रुपए है और आपकी पुरानी होंडा एक्टिवा 40 हजार की है। इस तरह आपको ई-बाइक कंपनी को सिर्फ 60 हजार देने होंगे। यह प्रक्रिया बाहर से भले ही आसान दिखती है, लेकिन इसके लिए कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बैक एंड में डेटा एल्गोरिदम पूरी प्रक्रिया को सहज बनाता है।”

ग्राहक क्यों देते हैं प्राथमिकता

कई ग्राहक सेकेंड-हैंड डीलरों के बजाय क्रेडआर को इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें किसी कानूनी बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है। ऑनलाइन मार्केट प्लेस या सेकेंड-हैंड डीलरशिप में लेन-देन के दौरान कीमत और क्वालिटी को लेकर धोखाधड़ी के सैकड़ों मामले होते हैं, लेकिन कई बार मीडिया में इसे लेकर कोई खबर नहीं होती है।

इससे कहीं अधिक चिंता की बात यह है कि इस तरह के लेन-देन में कागजातों को विषय में ज्यादा गंभीरता से नहीं सोचा जाता है और कई बार लोग अपनी वाहनों को सिर्फ इसलिए बेचना या खरीदना चाहते हैं, क्योंकि वे उसका इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम में करते हैं।

इसे लेकर शशिधर दावा करते हैं, “क्रेडआर डॉक्यूमेंटेशन प्रोसेस को पूरे दायित्व के साथ पूरा करता है। जब आप अपनी बाइक को हमें बेचते हैं, आप सभी कानूनी बाधाओं से मुक्त हो जाता हैं। एक ग्राहक के तौर पर, इससे आपको मानसिक शांति मिलती है।”

कोरोना महामारी का सामना

कंपनी का दावा है कि वे हर महीने करीब 1000 इलेक्ट्रिक वाहनों को एक्सचेंज करते हैं। उनके अनुसार, कोरोना महामारी ने एक्सचेंज बिजनेस को बुरी तरह से प्रभावित किया है। हालांकि, सेकेंड-हैंड टू व्हीलर के बिजनेस में उछाल आया है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में जहां सरकारी परिवहन की व्यवस्था ठीक नहीं है।

इसके अलावा, शेयर्ड मोबिलिटी का चलन कम होने और लोगों की आय घटने के कारण, अब कई लोग नई बाइक के बजाय पुराने स्कूटर या मोटरसाइकिल को खरीद रहे हैं।

शशिधर कहते हैं, “एक्सचेंज बिजनेस में थोड़ी कमी आई है, क्योंकि नई बाइक खरीदने के लिए ग्राहकों को एक फिजिकल टच प्वाइंट की जरूरत होती है और शोरूम अनियमित रूप से खुल रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जिस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है।”

कंपनी का भविष्य काफी उज्जवल दिख रहा है, क्योंकि इसे ओमिडयार नेटवर्क, स्ट्राइड वेंचर्स, ब्लैकसॉइल, एंजेललिस्ट, के गणेश (ग्रोथस्टोरी), एट रोड वेंचर्स जैसे कई निवेशकों का साथ मिला है। कंपनी ने इस साल अपने बेंगलुरु मार्केट के लिए यमाहा मोटर्स का साथ एक्सक्लूसिव पार्टनरशिप की है।

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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