20 पैसे/किमी पर चलेगा ई-स्कूटर ‘Hope’, IIT दिल्ली के स्टार्टअप ने किया मुमकिन

“हम एक ऐसा स्कूटर बनाना चाहते थे, जो आम जनता, मध्यम वर्गीय परिवारों, छात्रों और यहां तक की डिलीवरी एजेंट के लिए भी किफायती हो। एक तरफ, डिलीवरी एजेंट या इस तरह के पेशे से जुड़े लोग, इसका उपयोग कर अपनी आय में बचत कर पाएंगे। वहीं, आम लोग इसका उपयोग एक निजी वाहन के तौर पर कर सकेंगे।” यह कहना है ‘जैलिओज़ मोबिलिटी’ स्टार्टअप के संस्थापक, आदित्य तिवारी का।
इस स्टार्टअप को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, IIT दिल्ली द्वारा इनक्यूबेट किया गया है। इसी साल, 18 मार्च 2021 को ‘जैलिओज़ मोबिलिटी’ ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर ‘होप’ (HOPE) को लॉन्च किया है। आज भारतीय बाज़ार में कई तरह के इलेक्ट्रिक वाहन मौजूद हैं। ऐसे में, आदित्य ने बताया कि होप की कुछ विशेषताएं, उसे बाकि वाहनों से कैसे अलग करती है।
वह बताते हैं, “साल 2017 में जब मैंने इस कंपनी की शुरुआत की थी, उस समय मेरा उद्देश्य, बढ़ते वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सकरात्मक तरीके से काम करना था।” आदित्य के लिए ‘होप’ भी परिवहन के लिए, एक ऐसा ही सस्टेनेबल वाहन है। जो वाहनों से निकलते प्रदूषण के स्तर को कम कर सकता है।
वह कहते हैं, “बाज़ार में उपलब्ध, इस तरह की सुविधा वाले अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत काफी अधिक है।” जबकि होप की शुरुआती कीमत 46,999 रुपये है। इस स्कूटर की रनिंग कॉस्ट केवल 20 पैसे प्रति किलोमीटर है, जो इसे किफायती बनाता है। साथ ही, यह ‘बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम’, ‘डेटा मॉनिटरिंग सिस्टम’ और ‘पैडल-असिस्ट यूनिट’ जैसी सुविधाओं से भी लैस है।
नवीनतम सुविधाओं के साथ किफायती भी
होप को डिज़ाइन करने के दौरान, इसमें कई बदलाव किये गए। आदित्य बताते हैं, “हमने स्कूटर बनाते समय उन सभी पहलुओं को ध्यान में रखा, जो भविष्य में हमें काम आये।” इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है और जरूरत की जानकारी, एक ऐप्लिकेशन के माध्यम से हासिल की जा सकती है।
स्कूटर की बैटरी के बारे में बताते हुए वह गर्व से कहते हैं, “स्कूटर के ‘बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम’ को हमने अपनी कंपनी में ही डिज़ाइन किया है। यह ‘होप’ की बहुत सारी विशेषताओं में से एक है, जो इसे बाकि स्कूटरों से अलग बनाता है। इस विशेषता की वजह से, चालक को पता चलता है कि स्कूटर में कितनी प्रतिशत बैटरी बची है। साथ ही, इससे आपको बैटरी की उपयोगिता का भी पता चलता है।” वह कहते हैं कि बैटरी की जानकारियों को इकट्ठा किया जाता है। ताकि, इसके मौजूदा सिस्टम में समय-समय पर सुधार किया जा सके।
ये जानकारियां चालक/यूजर के लिए भी उपलब्ध हैं। वे एक ऐप्लिकेशन की मदद से, बैटरी कितनी चार्ज है, इसकी गति, वोल्टेज, जीपीएस लोकेशन और स्कूटर ने अब तक कितने ट्रिप किये हैं, इसका भी पता लगा सकते हैं। स्कूटर के संभावित ग्राहकों के बारे में बात करते हुए आदित्य कहते हैं, “हम लॉजिस्टिक और डिलीवरी से जुड़ी कंपनियों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। ताकि, उनकी डिलीवरी से जुड़ी जरूरतों को पूरा किया जा सके।”
पैडल-असिस्टेड तकनीक
इस बाइक को बनाने से पहले, चालकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, कई तरह के सर्वेक्षण किये गए थे। कई तरह के सुझावों और विचारों को ध्यान में रख कर, इसका डिज़ाइन तैयार किया गया। अंतिम उत्पाद के लॉन्च से पहले, हमने बाइक के तकरीबन 10 प्रोटोटाइप को डिजाइन और विकसित किया।
आदित्य ने इस इलेक्ट्रिक वाहन को मोपेड और इलेक्ट्रिक स्कूटर के बीच का विकल्प बताया है। उन्होंने बताया, “फिटनेस के प्रति उत्साही लोग, जो पैडल करना चाहते हैं या जिनको लगता है कि इस स्कूटर की रेंज कम है और यह स्कूटर दूर तक नहीं जा पाएगा, उन सभी चालकों के लिए इसमें एक आसान पैडल की सुविधा दी गयी है।” वह कहते हैं कि इस सुविधा के कारण, वाहन को काफी बढ़ावा मिलेगा।
इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि स्कूटर चलाते वक्त, आप अपने फोन को भी चार्ज कर सकेंगे। आदित्य बताते हैं, “वाहन चालक लोकेशन के लिए, अपने फ़ोन से जीपीएस चलाते हैं। जिससे अक्सर उनके फ़ोन की बैटरी का चार्ज खत्म हो जाता है। इस तरह, मौजूदा फ़ोन चार्जिंग की सुविधा से उनको राहत मिलेगी।”
इसकी बैटरी भी पोर्टेबल है, जो बहुत आसानी से अलग की जा सकती है। जिसे आप आपने घर या ऑफिस में भी चार्ज कर सकते हैं। आपको इसे पार्किंग में चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि, इसे आपके घर या ऑफिस के किसी भी सॉकेट से चार्ज किया जा सकता है।
आदित्य कहते हैं, “इस स्कूटर के साथ एक पोर्टेबल चार्जर भी दिया जाएगा। जिसे आपके घर के किसी भी सामान्य सॉकेट से जोड़ कर, बैटरी को चार्ज कर सकेंगे।” यह बैटरी लगभग तीन घंटे और दस मिनिट में 80 प्रतिशत तक चार्ज हो जाती है। जबकि इसे पूरा चार्ज करने में कुल चार घंटे का समय लगता है। एक बार चार्ज हो जाने के बाद, यह स्कूटर 75 किलोमीटर तक चल सकता है। चूँकि यह वाहन, आम वाहनों की श्रेणी में नहीं आता। इसलिए इसका उपयोग करने के लिए, चालक को किसी ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। इस वाहन की रफ़्तार 25 किमी/ घंटा है।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा
मैकेनिकल इंजीनियर आदित्य ने साल 2016 में, NIT सूरत से ग्रैजुएशन की थी। उन्होंने बताया कि वह अपनी आगे की पढ़ाई के लिए, विदेश जाना चाहते थे। उन दिनों, उन्होंने महसूस किया कि देश के लोगों के लिए, कोई उत्पाद बनाने के लिए उनका भारत में रहना जरूरी है। वह कहते हैं, “इसी सोच के कारण, साल 2017 में मैंने सात लोगों के साथ मिलकर, एक टीम बनाई और ‘जैलिओज़ मोबिलिटी’ की स्थापना की।”
आदित्य ने बताया कि वाहन के सभी हिस्सों को भारत से ही खरीदना, कंपनी का एक मुख्य उद्देश्य था। कुछ चीजों के लिए भले ही सप्लायर्स (आपूर्तिकर्ताओं) की कमी थी, लेकिन वह बताते है कि उन्होंने सप्लायर्स को कैसे प्रशिक्षित किया। उन्होंने कहा, “चाहे वह स्कूटर का कोई छोटा कल-पुर्जा हो या बड़ा, हमने भारतीय सप्लायर्स की पहचान की। उन्हें डिजाइन और तकनीकी जानकारी दी और भारत में इन्हें बनवाना शुरू किया।” भारत में एक मजबूत सप्लाई चेन के नेटवर्क का निर्माण करना कंपनी के लिए बहुत जरूरी था।
कंपनी की ओर से वाहन के साथ, बैटरी पर तीन साल की वारंटी तथा मोटर, कनवर्टर और कंट्रोलर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स पर एक साल की वारंटी दी जायेगी। ग्राहकों को बिक्री के बाद, चार बार सर्विसिंग से जुड़ी मुफ्त सेवाएं दी जायेंगी। वहीं, थोक में 50 या इससे अधिक वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को, समय-समय पर मुफ्त मेंटेनेंस की सेवाएं भी दी जायेंगी।
‘जैलिओज़ मोबिलिटी’ ने आईआईटी दिल्ली से अपनी शुरुआती फंडिंग जुटाई और उसी सीड फंडिंग से कंपनी को स्थापित किया गया। आदित्य कहते हैं, “हम और अधिक फंड जुटाने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं तथा इसका इस्तेमाल, हम अपनी कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करना चाहते हैं। हम भविष्य में कुछ अन्य उत्पादों को लाने के लिए, उनके शोध तथा विकास पर भी ध्यान दे रहे हैं।”
‘होप’ दिल्ली और एनसीआर (NCR) क्षेत्र में दो तरह के डिज़ाइन के साथ उपलब्ध है। जिसमे दो बैटरी स्लॉट और 50 किलोमीटर तथा 75 किलोमीटर की क्षमता वाले मॉडल्स शामिल हैं। आदित्य के अनुसार अगले छह महीनों में, देश के विभिन्न शहरों में ‘जैलिओज़ मोबिलिटी’ का विस्तार किया जा सकता है। वह कहते हैं कि उन्हें दक्षिण भारत, बिहार और उत्तर प्रदेश से भी कई ऑर्डर मिले हैं।
[ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]