दुनिया के सबसे अच्छे 10 फलों में एक, खेती करना भी है आसान

किसी भी क्षेत्र में नए प्रयास ही हमें सफलता के मुकाम तक ले जाने में मदद करता है। इसलिए जीवन में नए-नए प्रयोग करते रहना चाहिए। ठीक इसी तरह आजकल खेती-बाड़ी में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे कृषि क्षेत्र को एक अलग ही पहचान मिल रही है। इसी सोच के साथ आज देश में कई किसान विदेशी फसलों को उगाने में अपना हाथ आज़मा रहे हैं। एक ऐसी ही विदेशी फसल है ड्रैगन फ्रूट। यह एक ऐसी फसल है, जो पारंपरिक खेती के मुकाबले ज्यादा मुनाफा कमाने में मदद करती है। Dragon Fruit एक बार लगने के बाद, लगभग 10 वर्षों तक आमदनी देती रहती है। गुजरात में इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमाने वाले 68 वर्षीय किसान जशवंत पटेल आज हमें ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
सूरत के ओलपाड तालुका में रहने वाले जशवंत पटेल रिटायरमेंट के बाद, खेती की दुनिया में हाथ आजमा रहे हैं। हालांकि, उनके पिता भी कपास, ज्वार और मूंगफली की खेती किया करते थे। लेकिन जशवंत हमेशा से कुछ अलग करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने रिटायरमेंट के बाद जब खेती करने का फैसला किया तो ड्रैगन फ्रूट को चुना।
जशवंत साल 2017 से तीन एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, “देश के कुल ड्रैगन फ्रूट उत्पादन में गुजरात का योगदान लगभग 40 प्रतिशत है। चूंकि यह एक ड्राई पौधा है, जो गर्म वातावरण में भी अच्छे से विकसित होता है, इसलिए इसे अब भारत के कई हिस्सों में उगाया जा रहा है।”
ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़ी जरूरी बातें
जशवंत कहते हैं कि Dragon Fruit, पोल बनाकर उगाए जाते हैं। एक पोल पर तकरीबन चार पौधे उगते हैं। इसके एक पौधे को उगाने में 100 रुपये लगते हैं। इस तरह एक पोल पर 400 से 500 रुपये का खर्च आता है। वहीं प्रोडक्शन 18 महीने बाद शुरू हो जाता है।
जून से शुरू होकर इसमें नवंबर तक फल आते रहते हैं। यानी अगर इसे आप दिसंबर या जनवरी महीने में लगाते हैं, तो अगले साल जून तक आराम से प्रोडक्शन () आने लगता है। जशवंत कहते हैं, “पहले साल एक पोल से पांच से छह किलो का प्रोडक्शन होता है। वहीं साल दर साल जैसे-जैसे पौधा विकसित होता है, उपज भी बढ़ने लगती है। तीन साल के बाद प्रोडक्शन 15 से 20 किलो तक पहुंच जाता है। इस तरह ड्रैगन फ्रूट में पहले ही साल पोल का खर्च निकल जाता है, फिर खाद और कटाई आदि का खर्च ही लगता है। यानी खर्च कम और मुनाफा ज्यादा।”
बाजार में इसकी कीमत की बात करें, तो जशवंत पटेल Dragon fruit को 200 से 400 रुपये प्रति किलो के भाव में बेचते हैं।
जशवंत कहते हैं, “खेत में इसके पोल को आठ से 10 फ़ीट की दूरी पर बनाया जाता है। इसलिए इस बीच की जगह को भी किसान कुछ मौसमी सब्जियां उगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे 18 महीनों तक जगह का सही उपयोग हो जाता है। बस इतना ध्यान देना चाहिए कि ज्यादा बड़े पौधे न लगाएं। ऐसा करने से ड्रैगन फ्रूट के पौधे पर सूरज की रौशनी कम पड़ेगी और प्रोडक्शन में असर होगा। बीच की जगह में टमाटर, गोभी, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां लगाई जा सकती है। यह कैक्टस की ही एक प्रजाति है, इसलिए इसे ज्यादा पानी नहीं चाहिए। “
Dragon Fruit को ऑर्गेनिक तरीके से लगाने (Dragon Fruit Farming) से बहुत अच्छी फसल तैयार होती है। जशवंत ने बताया कि वह गाय आधरित खेती करते हैं, इसलिए वह कीटनाशक की जगह जीवामृत का छिड़काव करते हैं। उन्होंने 2017 में ड्रैगन फ्रूट की फसल लगाई थी और साल साल 2019 में उन्हें एक एकड़ जमीन पर तकरीबन सात से आठ लाख रुपये का मुनाफा हुआ था।
ड्रैगन फ्रूट के फायदे
जशवंत ने बताया कि दिसंबर से अप्रैल तक इसका रेस्ट पीरियड होता है। इस दौरान पौधों की कटिंग की जाती है। एक पौधे से कटिंग करके, कई पौधे तैयार किए जा सकते हैं। किसान पौधे तैयार करके बेच भी सकते हैं।
उनके फार्म में थाईलैंड रेड के 4000 पौधे, थाईलैंड वाइट के 1500 पौधे, वहीं Dragon Fruit की सबसे प्रीमियम वैरायटी गोल्डन येलो के 800 पौधे सहित ड्रैगन फ्रूट के कुल 8000 पौधे लगे हैं।
गौरतलब है कि अभी हमारे देश में Dragon fruit की पांच से छह किस्में उपलब्ध हैं। भारत में थाईलैंड रेड किस्म सबसे ज्यादा बिकता है। क्योंकि इसका स्वाद मीठा होता है। जशवंत ने बताया, “जो फल मीठा होता है, वही ज्यादा बिकता है। इसलिए वह रेड वैरायटी ज्यादा उगाते हैं। प्रीमियम वैरायटी गोल्डन येलो स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन यह मीठा नहीं होता है, इसलिए अपने देश में ज्यादा लोकप्रिय नहीं है।”
स्वास्थ्य के लिए अच्छा
Dragon Fruit में फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसमें खास बात यह है कि यह कोशिकाओं, शरीर की सूजन और पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है।
जशवंत पटेल के फार्म में थाईलैंड रेड का प्रोडक्शन इतना अच्छा है कि एक फल तकरीबन 250 से 400 ग्राम का होता है। उन्होंने तीन एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 1700 पोल बनवाए हैं। उन्होंने बताया कि पोल भी अलग-अलग तरीके से बन सकते हैं। ज्यादातर किसान सीमेंट या टायर से पोल बनवाते हैं।
आशा है Dragon Fruit से जुड़ी इन जानकारियों से किसानों को मदद मिलेगी। यदि आप भी इसकी खेती के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं, तो जशवंत पटेल से 81608 95191 पर संपर्क कर सकते हैं।
[ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]