रेगिस्तान में उगने वाला वो जादूई पौधा जिससे बनते हैं चिप्स, मजेदार शेक और बायोफ्यूल

रेगिस्तान में उगने वाला वो जादूई पौधा जिससे बनते हैं चिप्स, मजेदार शेक और बायोफ्यूल

मेसोअमेरिकन क्षेत्र में उगता है ये जादूई पौधा

इसके गुणों के कारण इसे मैजिकल प्लांट कहा जाता है. वैसे इस मैजिकल प्लांट का नाम नोपल है. मेक्सिको के मेसोअमेरिकन क्षेत्र में पाया जाने वाला ये जदूई पौधा सबसे ज्यादा बायोफ्यूल बनाने के लिए जाना जाता है.

इसके आलावा लोग इसे सलाद में प्रयोग करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि इससे चिप्स और मजेदार शेक भी तैयार होता हाई.

खाने के साथ साथ ईंधन बनाने में भी होता है इस्तेमाल

इस पौधे से कांटेदार नाशपाती जैसा फल निकलता है. जादूई कहा जाने वाला ये पौधा मेक्सिको के रेगिस्तानों में नागफनी के साथ उगता है. इसकी खेती मेक्सिको में रहने वाले केमेम्ब्रो नामक आदिवासी समुदाय द्वारा की जाती है. नोपल नामक इस फल को सिर्फ खाने के लिए ही इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि इसे खाने के बाद इससे निकले कचरे जैव-ईंधन यानी बायोफ्यूल भी तैयार किया जाता है.

इस फल के कचरे से बनता है ईंधन

इस जादूई फल को मैक्सिको में कितनी अहमियत दी जाती है इसका का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मेक्सिको के राष्ट्रीय ध्वज पर इस फल के प्रतीक को एक खास स्थान दिया गया है. नोपल से पहले रोगेलियो सोसा लोपेज नामक एक स्थानीय व्यवसायी ने 2009 में मकई के कचरे से जैव ईंधन बनाने की शुरुआत की थी. इसके बाद लोपेज को मिगुएल एंजेल नाम के कारोबारी का साथ मिला. नोपेलिमेक्स नामक कंपनी के मालिक एंजेल बड़े पैमाने पर नागफनी की खेती करते थे. यहीं से शुरू हुआ नोपल के कचरे से बड़े पैमाने पर जैव-ईंधन तैयार करने का सिलसिला. जैव ईंधन बानाने के लिए मक्के की बजाए नोपल को प्रातमिकता इस लिए भी दी गई क्योंकि नोपल के कचरे से ईंधन तैयार करना ज्यादा सस्ता पड़ता है.

स्थानीय लोगों को मिलता है रोजगार

इसके अलावा मिक्सिको में नोपेल की खेती मकई की खेती की तुलना में ज्यादा बड़े पैमाने पर होती है. इसके आलाव नोपल की खेती से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल जाता है, जिस वजह से यहां के लोगों को काम की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ता.

कारोबारी मिगुएल एंजेल 40 साल से बायोफ्यूल बनाने का कारोबार कर रह हैं. उन्होंने 2007 में जैव ईंधन बानने के लिए नागफनी का प्रयोग शुरू किया. अब वह इसके प्रायोग से पर्याप्त ईंधन तैयार कर लेते हैं क्योंकि मेक्सिको में जिस पैमाने पर नोपल का उत्पादन होता है, उससे ईंधन की मांग बहुत आसानी से पूरी की जा सकती है.

सबसे पहले इस नोपल से यहां के लोग मेक्सिको के मशहूर टॉर्टिला चिप्स बनाते हैं. इसके बाद इससे निकलने वाले कचरे को गोबर में मिलाकर उसे खमीर किया जाता है और उससे तेल अलग करके ट्यूबों के माध्यम से टैंक में जमा किया जाता है.

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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