देवरानी-जेठानी ने एक साथ पास की UPPSC परीक्षा, एक बनीं प्रिंसिपल और दूसरी DSP

आपने अक्सर टीवी और न्यूज़पेपर में देवरानी जेठानी के झ’गड़ों की खबरें सुनी होगी, लेकिन आज हम जिन देवरानी जेठानी के बारे में बताने जा रहे हैं उन्होंने एक साथ मिलकर यूपीपीएससी एग्जाम की तैयारी की और सफल हुईं।
ये देवरानी-जेठानी की अनोखी जोड़ी है UP के बलिया जिले की, जिन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की साल 2018 की परीक्षा उत्तीर्ण की। इनमें से जेठानी शालिनी श्रीवास्तव का सलेक्शन प्रिंसिपल की पोस्ट के लिए हुआ और देवरानी नमिता शरण का सलेक्शन पुलिस उपाधीक्षक की पोस्ट के लिए हुआ।
सारे गाँव में छाया ख़ुशी का माहौल
शालिनी और नमिता दोनों बलिया के सिकंदरपुर क्षेत्र के बनहरा में रहने वाले डॉ. ओम प्रकाश सिन्हा की बहुएँ हैं। UP लोक सेवा आयोग द्वारा शुक्रवार के दिन PCS 2018 के रिजल्ट की घोषणा की गई थी। इन दोनों देवरानी-जेठानी ने जो कामयाबी प्राप्त की है उससे ना सिर्फ़ उनके परिवार वाले बल्कि उनके सारे गाँव में तारीफ हो रही है और सभी खुश हैं।
बता दें कि शालिनी पहले बलिया के सहतवार क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रजौली में अध्यापक के पद पर काम किया करती थीं। इस समय वे वाराणसी के रामनगर स्थित राधाकिशोरी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापिका की पोस्ट पर कार्यरत हैं।
जेठानी बनी प्रिंसिपल और देवरानी DSP
डॉ. ओमप्रकाश सिन्हा का हेल्थ डिपार्टमेंट में चिकित्सक की पोस्ट से रिटायरमेंट हुआ है। उनका बड़ा बेटा डॉ. सौरभ कुमार उदयपुर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। शालिनी और सौरभ का विवाह वर्ष 2011 में हुआ था, तब शालिनी एक प्राइमरी स्कूल में टीचर हुआ करती थीं। विवाह पश्चात भी शालिनी ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और फिर मेहनत करके कामयाबी प्राप्त की। अभी वे रामनगर GGIC में अध्यापिका हैं। अब PCS 2018 के नतीजों की घोषणा होने के बाद शालिनी का सिलेक्शन प्रिंसिपल की पोस्ट पर हो गया है।
डॉ. सिन्हा के दूसरे बेटे शिशिर गोरखपुर में बैंक में PO के पद पर कार्यरत हैं। शिशिर और नमिता का विवाह साल 2014 में हुआ था। नमिता भी गोरखपुर बैंक में PO की पोस्ट पर ही काम करती थीं। फिर उनका सिलेक्शन पुलिस उपाधीक्षक की पोस्ट पर हो गया। अपनी दोनों होनहार बहुओं की कामयाबी पर डॉ. सिन्हा बहुत प्रसन्न हैं। वे बताते हैं कि उनका तीसरा बेटा भी दिल्ली में रहकर कंपटीशन एग्जाम की तैयारी में लगा हुआ है।
बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहती हैं शालिनी
प्रिंसिपल बनने के बाद शालिनी ने कहा कि उन्होंने यह परीक्षा दूसरी बार प्रयास करने पर पास की। 10 वर्षों से वे अध्यापन कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आप प्रिंसिपल बनने के बाद वे बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहती हैं। बालिकाओं के लिए बेहतर शिक्षा के लिए वे प्रयासरत रहेंगी। इसके बाद, नई शिक्षा नीति के बारे में चर्चा करते हुए शालिनी कहती हैं कि आने वाले समय में इस नीति से शिक्षा में बदलाव अवश्य आएंगे। साथ ही उन्होंने टीचर्स की मॉनिटरिंग पर दबाव डालते हुए कहा कि समय-समय पर टीचर्स को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है और उन्हें अपने दयित्व भी भली-भांति समझने होंगे।
DSP नमिता ने कहा-समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करेंगी
नमिता शरण, जिन्होंने यूपीपीसीएस एग्जाम में 18वीं रैंक प्राप्त की और पुलिस उपाधीक्षक बनीं हैं, वे गोरखपुर में ही अपने पति के साथ रहती हैं। वे अपने तीसरे प्रयास में सफल हुईं। वर्ष 2016 में उनका चयन बिहार में ज़िला प्रोबेशन अधिकारी की पोस्ट पर हुआ था। 6 महीने तक उनका प्रशिक्षण हाजीपुर में होने के पश्चात उन्हें सीवान में पोस्टिंग मिली थी। इसी दौरान UP में वर्ष 2017 में उनका सिलेक्शन ज़िला खाद्य विपणन अधिकरी की पोस्ट पर हो गया। फिर उन्होंने ज़िला प्रोबेशन अधिकारी की पोस्ट से रिजाइन कर दिया था।
तभी UPSC 2018 में पुलिस उपाधीक्षक की पोस्ट के लिए उनका चयन हो गया। वे कहती हैं कि पुलिस उपाधीक्षक के पद पर कार्यरत रह कर वे महिलाओं की समस्याओं और समाज में व्याप्त कुरीतियों को ख़त्म करने के प्रयास करेंगी। इसके साथ ही नमिता पुलिस और आम जनता के मध्य की दूरी है को भी कम करने का प्रयास करेंगी, जिससे लोग पुलिस से डरे नहीं बल्कि बेझिझक होकर अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठाएँ।
[ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]