जज और टीचर की नौकरी खा जाएगा AI, जानिए किन 20 प्रोफेशन के लिए है ज्यादा खतरा

जज और टीचर की नौकरी खा जाएगा AI, जानिए किन 20 प्रोफेशन के लिए है ज्यादा खतरा

आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस का बढ़ना बेशक आर्थिक तौर पर हमारे लिए अच्छा है, लेकिन इसका लगातार बढ़ना नौकरियों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है. एक हालिया रिसर्च में सामने आया है कि AI के लगातार बढ़ने से एक-दो नहीं बल्कि 20 प्रोफेशन को खतरा है, इनमें टीचर, जज, स्कूल साइकोलॉजिस्ट और टेलीमार्केटर्स की जॉब भी शामिल हैं.

रिसर्च करने वाली टीम ने 10 AI एप की लैंग्वेज मॉडलिंग करने के बाद उनमें 52 मानवीय क्षमताओं से जोड़कर यह निष्कर्ष निकाला है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आने वाले वक्त में यह तकनीक कितनी खतरनाक साबित होने वाली है.

ChatGPT लांच होने के बाद दुनिया भर में नौकरियां खोने का खतरा बढ़ गया है, दरअसल ChatGPT के पास ईमेल लिखने, रिज्यूमे भेजने जैसी कई शक्तियां हैं जो वह इंसानों से अच्छी तरह कर सकता है.

इसके बाद से दुनिया में एक बहस छिड़ी है आने वाले वक्त में यह तकनीक इंसानों की रोजी-रोटी के लिए बड़ा संकट बन सकती है. हालिया शोध के मुताबिक AI से उस काम को किया जा सकता है जो इंसान कर रहे हैं. कई बार यह इंसानों द्वारा किए जा रहे काम की पूरक भी हो सकती है.

लैंग्वेज मॉडलिंग में सुधार से बढ़ेगी AI क्षमता

शोध के मुताबिक AI में लैंग्वेज मॉडलिंग कर उसकी क्षमता को और बढ़ाया जा सकता है, इसकी आवश्यकता इसलिए है, क्योंकि ये तभी बेहतर काम कर सकती है जब ये हमारी भाषा को समझे या हमारी भाषा में ही हमें समझा पाए.

OpenAI की ओर से 2022 के आखिर में लांच किया गया ChatGPT इसका उदाहरण है जो सबका ध्यान आकर्षित करने में सफल हुआ था. रिसर्च करने वाली टीम ने 2021 में भी प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के साथ एडवर्ड फेल्टेन की ओर से बनाए गए AI ऑक्यूपेशनल एक्सपोजर मापन का प्रयोग किया था. इसमें रियल टाइम वीडियो गेम, इमेज जनरेशन, पढ़ने की समझ, लैंग्वेज मॉडलिंग, ट्रांसलेशन आदि शामिल थे.

इसके बाद 52 मानवीय क्षमताओं को भी इसमें शामिल किया गया था. इसमें मौखिक समझ, अभव्यक्ति, तर्क आदि शामिल थे. रिसर्च करने वाली टीम ने संयुक्त राज्य अमेरिका के श्रम विभाग की ओर से जारी व्यावसायिक सूचना नेटवर्क से मानव क्षमताओं को लिया था, ये ऐसी मानव क्षमताएं थीं जो 800 से ज्यादा प्रोफेशन में काम आती हैं. इनका विश्लेषण करने के बाद ये साफ हुआ कि AI का लगातार बढ़ना विशेष तौर पर 20 से ज्यादा नौकरियों के लिए खतरा बन सकता है.

इन नौकरियों पर सबसे ज्यादा खतरा

जेनेटिक काउंसलर्स, फाइनेंसियल एग्जामिनर्स, टेलीमार्केटर्स, परचेजिंग एजेंट्स, बजट एनालिसिस्ट, जज-मजिस्ट्रेट, क्लर्क, एकाउटेंट एंड ऑडीटर्स, गणितज्ञ, ज्यूडिशियल लॉ क्लर्क, एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेटर्स, क्लीनिकल काउंसिलिंग, फाइनेंसियल मैनेजर्स, जॉब एनालिसिस्ट स्पेशलिस्ट, क्रेडिडट ऑथोराइजर्स, हिस्ट्री टीचर्स, जियाग्राफसर, एपिडमेलोजिस्ट, मैनेजमेंट एनालिसिस्ट, मिडिएटर्स.

शिक्षकों को सबसे ज्यादा खतरा

AI की लैंग्वेज मॉडलिंग से जो एक बात सामने आई वह यह थी कि AI से सबसे ज्यादा खतरा शिक्षकों को है, रिसर्च में सामने आया कि ChatGPT या अन्य AI एप बच्चों को होमवर्क तक देने में सक्षम है. खास तौर से ChatGpt इंसानों की भाषा समझने, इंटरनेट से कोई भी टेक्स्ट लेने, इंसानों से बात करने में बहुत प्रभाव डालने वाली है.

MBA पासआउट से बेहतर जवाब देता है Chat GPT

टोरंटो विश्वविद्यालय के एसोसिएशट प्रोफेसर केविन ब्रयान एक AI बेस्ट इंटरप्रेन्योरिशप प्रोग्राम चला रहे हैं, वह कहते हैं कि Chat GPT की क्षमता जांचने के बाद वह खुद चौंक गए, इसकी जानकारी असीमित है और यह किसी भी MBA पास व्यक्ति से बेहतर जवाब देने में सक्षम है. इनसे सबसे पहले खतरा टेलीमार्केटर्स को है, क्योंकि पहले ही तमाम कंपनियों ने बातचीत के लिए चैटबॉट को लगा रखा है.

जज को ऐसे रिप्लेस करेगा

रिसर्च में सामने आया कि AI सीधे तौर पर इंसानी जज को रिप्लेस तो नहीं कर सकता, लेकिन यह टेक्नोलॉजी कोर्ट रूम में विभिन्न तरीकों से काम आ सकती है, खास तौर पर यह रिसर्च करने और किसी भी बुक के नियम कानून बताने में सक्षम है, जिससे जज को मैनुअली बुक पढ़ने की जरूरत नहीं होगी.

इसी महीने की शुरुआत में कोलंबिया के एक जज ने इस बात का खुलासा किया कि एक केस का फैसला करने के लिए किस तरह से उसने chatGPT की मदद ली. इसी तरह कैलेबियन सिटी के ट्रिब्यूनल जज जुआन मैनुअल ने भी इस बात का खुलासा कि 30 जनवरी को सुनाए गए एक फेसले में उन्होंने भी इस AI तकनीक को प्रयोग किया था.

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