ट्रेन के डिब्बे जितने साइज में किचन और टॉयलेट, जानिए इतनी बड़ी आबादी वाला Hong Kong कैसे जीता है “कॉफिन होम” में

ट्रेन के डिब्बे जितने साइज में किचन और टॉयलेट, जानिए इतनी बड़ी आबादी वाला Hong Kong कैसे जीता है “कॉफिन होम” में

आपने हांगकांग का नाम जरूर सुना होगा. ये वो देश है, जहां पर दुनियाभर की चकाचौंध देखने को मिल जाती है. वह देश जिसकी अर्थव्यवस्था बहुत तेज़ी से ग्रो कर रही है और जहां एक से बढ़ कर एक ऊंची और चमकती बिल्डिंग मौजूद हैं. ऐसे देश को देख कर कोई भी सोचेगा कि यहां के लोग तो मस्त जीवन जी रहे होंगे. लेकिन , सब सुविधाओं से भरे पड़े हांगकांग में भी एक पार्ट ऐसा भी है जहां लोग बेहद बुरे हालात में जीवन जी रहे है. जी हाँ सही सुना आपने चलिए आपको बताते हैं पूरी खबर आपको बता दें कि यहां के लोग जिस तरह के घर में रहते हैं वो किसी ‘कॉफिन’ होता है जिसमें किसी लाश की तरह इन्हें रहना पड़ता है. तो चलिए बताते हैं कि आखिर इन लोगों की जिंदगी कॉफिन होम में कैसी होती है और ये कैसे इसमें रहते है.

यहाँ क्यों जीते हैं लोग नरक से बुरी जिंदगी?

हालाँकि अगर हम बात की जाए दुनिया के सबसे कीमती शहरों की तो उनमें से एक हांगकांग का नाम भी जरूर आता है. यहाँ पर जीवन बिताना बहुत ही महंगा साबित होता है. इस आधुनिक ज़माने की हर सुविधा आपको यहाँ मिल सकती है मगर इन सुविधाओं का दाम भी बेहद ज्यादा लगता है. यह तो सीधी सी बात है कि हर कोई इतना पैसे वाला नहीं है कि इतना पैसा खर्च कर सके. आपको बता दें हांगकांग की महंगाई में लोग रोटी और कपड़ा तो कमा लेते हैं, लेकिन घर का बंदोबस्त करना बहुत कठिन हो जाता है.

गौरतलब है कि यही वह मूल कारण है जिसकी वजह से हांगकांग के कई लोग आज कॉफिन होम में रह रहे हैं. अगर सरकारी आंकड़ों को ध्यान से देखा जाए तो पता चलेगा कि हांगकांग के इन कॉफिन होम में रहने वालों की संख्या बहुत अधिक होती जा रही है. लगभग 2,00,000 से ज्यादा लोग इस समय इन घरों में रहने को मजबूर हैं. बता दें कि लगभग 75 लाख की आबादी वाले इस देश में 2 लाख लोग ऐसे हालातों में जीवन काट रहे हैं.

हालाँकि हांगकांग में न सिर्फ घर लेना, किराए पर लेना भी बहुत ज्यादा कीमती है. इसलिए यह लोग रेंट पर भी कहीं नहीं रह पाते. वहीं कॉर्पोरेट के लिए फेमस हांगकांग में ये लोग सड़कों पर भी नही रह सकते हैं क्योंकि वहां से भी इन्हें भगा देते है. आखिर में यह कॉफिन होम ही इनका आखिरी ऑप्शन बनते हैं. हाहालाँकि यह कॉफिन होम हांगकांग की चकाचौंध का वह धब्बा है, जिसे वह दुनिया से छिपाते आए है. वो बात अलग है कि इन लोगों के हालात दुनिया के सामने आ गए है. चाहे कितना भी छिपा लिया जाए.

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