Breast Cancer: अब 50 की नहीं, 40 की उम्र में कराएं ब्रेस्ट कैंसर का टेस्ट, जानें क्यों विशेषज्ञ ऐसा कह रहे हैं

Breast Cancer: अब 50 की नहीं, 40 की उम्र में कराएं ब्रेस्ट कैंसर का टेस्ट, जानें क्यों विशेषज्ञ ऐसा कह रहे हैं

स्तन कैंसर छवि क्रेडिट स्रोत: एसएसबी हेल्थकेयर

स्तन कैंसर: महिलाओं में स्तन कैंसर बड़ा खतरा बनता जा रहा है। दुनिया के साथ-साथ भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ब्रेस्ट कैंसर युवा महिलाओं को भी अपना शिकार बना रहा है। इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स ने ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग की सिफारिश की है। टास्क फोर्स ने सलाह दी है कि अब महिलाओं को 50 की उम्र में नहीं बल्कि 40 साल की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर की जांच शुरू कर देनी चाहिए। मैमोग्राम परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि सही समय पर इस कैंसर की पहचान की जा सके।

एडवाइजरी पैनल ने 2016 में इन सिफारिशों को अपडेट किया था। उस दौरान ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए 50 साल की उम्र का मानक तय किया गया था, जिसे अब घटाकर 40 कर दिया गया है। टास्क फोर्स के सदस्य जॉन वोंग ने कहा है कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अब बढ़ गया है। ऐसे में उन्हें अब 40 साल की उम्र में टेस्ट करवाना चाहिए। अगर ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण न दिखें तो भी एहतियात के तौर पर टेस्ट कराया जा सकता है।

कम उम्र में आ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मामले

यह सलाह इसलिए दी गई है क्योंकि अब 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले आ रहे हैं। अगर समय रहते इस कैंसर की पहचान कर ली जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। टास्क फोर्स की इस सिफारिश को अमेरिकन कैंसर सोसायटी ने सकारात्मक बदलाव बताया है।

सोसायटी ने कहा है कि यह कदम ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम में काफी मददगार साबित होगा। अमेरिकन कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी ने काफी पहले 40 साल की उम्र में महिलाओं के मैमोग्राम टेस्ट की सिफारिश की थी। अमेरिका समेत दुनियाभर में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए यह कदम उठाया गया था।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

कैंसर सर्जन डॉ. अनुराग कुमार कहा जाता है कि ऐसा फैसला बहुत अच्छा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से रफ्तार पकड़ रहे हैं। कुछ मामलों में यह कैंसर अनुवांशिक कारणों से भी फैल रहा है। ऐसा पांच से 10 फीसदी मामलों में देखा जाता है। इसलिए कम उम्र में जांच कराने के कई फायदे हैं। इससे बीमारी की पहचान और इलाज में आसानी होगी। ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी कम किया जा सकता है।

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