किसी ने ढाबे पर अंडे बेचे, किसी ने चलाई टैक्सी, कड़े संघर्ष के बाद स्टार बने बॉलीवुड के 5 सितारे

बॉलीवुड में छोटे से लेकर बड़े स्टार तक, कई ऐसे सितारे हैं, जो कड़े संघर्ष के बाद सफल हुए. आज हम ऐसे कुछ सितारों की एक लिस्ट लेकर आए हैं, जिन्होंने गरीबी में वक्त बिताया और आज अपने फैन्स के दिलों में राज करते हैं.
1. Sanjay Mishra: कभी ऋषिकेश के ढाबे पर अंडे बेचे
ऑफ़िस ऑफ़िस के शुक्ला जी से लेकर मसान के विद्याधर पाठक तक, संजय मिश्रा का हर किरदार उन्हें दूसरों से अलग बनाता है. मगर, क्या आप जानते हैं कि उनके जीवन में एक ऐसा वक्त आया, जब उन्हें फ़िल्मी करियर छोड़कर ऋषिकेश जाकर 150 रुपए में एक ढाबे पर अंडे बनाने लगे थे.
ये संजय मिश्रा के पिता शंभुनाथ मिश्रा के देहांत के बाद का समय था. Rediff से अपनी बात-चीत में संजय मिश्रा ने बताया, “मैं टूट गया. मैं मुंबई नहीं जा सकता था, मैं अकेला रहना चाहता था इसलिए मैं ऋषिकेश चला गया और एक ढाबे पर काम करने लगा. कस्टमर्स मुझे देखते और पूछते गोलमाल में आप थे न. वो फिर फ़ोटो खिंचवाना चाहते. आख़िर में सरदार ने पूछा मैं कौन हूं. किसी ने उसे बता दिया था कि मैं एक्टर हूं.”
2. Johnny lever: सड़कों पर पेन बेचे, फैक्ट्री में काम किया
अभिनेता जॉनी लीवर का नाम आते ही हमारे चेहरों पर मुस्कान आ जाती है. 300 से अधिक फिल्में कर चुके जॉनी लीवर को उनके काम के लिए 13 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड में नॉमिनेशन मिल चुका है. मगर, क्या आप जानते हैं कि एक समय जॉनी लीवर बेहद गरीब इंसान थे.
गरीबी के चलते वो 7वीं तक ही स्कूल जा सके. अपना पेट पालने के लिए उन्होंने फैक्ट्री में काम किया, यहां तक कि सड़कों पर पेन तक बेचे. कॉमेडियन, एक्टर बनना उनके लिए आसान नहीं था. कहते हैं, संजय दत्त की मदद से जॉनी को 1989 में दर्द का रिश्ता फिल्म में जोसफ का रोल मिला था, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और छा गए. उनके काम की खूब तारीफ हुई थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने कभी पलट कर नहीं देखा और दिल जीता.
3. Rakhi Sawant: 50 रु में अंबानी की शादी में खाना परोसा
हमेशा सुर्खियों में रहने वाली राखी सावंत फिल्म जगत का एक ऐसा नाम हैं, जिनके हिस्से कई सारे विवाद जुड़े हुए हैं. उनका नाम कई विवादों से जुड़ा रहा है. जबकि, उनके जीवन का एक सच यह भी है कि उन्होंने जीवन में बहुत संघर्ष किया है. ग़रीबी से निकलकर उन्होंने खु़द का वजूद बनाया.
समय-समय पर वो अपनी जिंदगी से जुड़े पहलुओं को खुलकर हर मंच पर सार्वजनिक करती हैं. राखी का बचपन कितना कष्टप्रद रहा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 10 साल की उम्र में राखी को अपना पेट भरने के लिए काम करना शुरू करना पड़ा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संघर्ष के दिनों में राखी ने महज़ 50 रुपए के मेहनताना पर अनिल अंबानी और टीना अंबानी की शादी में खाना परोसना तक का काम किया.
4. Mehmood Ali: एक वक्त में अंडे बेचे, टैक्सी चलाई
महमूद ने मुंबई के एक आम परिवार में जन्म लिया. उनके पिता मुमताज अली बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो में काम कर जैसे-तैसे घर का खर्च चलाते थे. महमूद ने अपने जीवन में वो समय भी देखा था, जब उन्हें अपना खर्च चलाने के लिए अंडे बेचने और टैक्सी चलाने जैसे काम करने पड़े थे. कड़े संघर्ष के बाद साल 1943 में उन्हें फिल्म ‘किस्मत’ में काम करने का मौका मिला और फिर उन्होंने कभी पलट कर नहीं देखा.
महमूद का फिल्मी करियर कुछ ऐसा रहा कि वो आगे-आगे चले और सफलता उनके पीछे-पीछे चलती रही. कहते हैं, उनके समय का शायद ही कोई अभिनेता या अभिनेत्री रही होगी, जिसके साथ उन्होंने काम न किया हो. यही नहीं उनके बारे में तो यह भी कहा जाता है कि वो अपने काम के लिए हीरो से भी ज्यादा फीस लेते थे.
5. Nawazuddin Siddiqui: वॉचमैन की नौकरी की
19 मई 1974 को यूपी के बुढ़ाना में पैदा हुए बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का अब तक का सफर प्रेरणादायक रहा है. अपनी मेहनत के दम पर आज वो उस मुकाम पर है कि आज दुनिया उनके टैलेंट का लोहा मानती है. संघर्ष के इन दिनों में अपना खर्च चलाने के लिए नवाज ने केमिस्ट की दुकान में सेल्समैन से लेकर वॉचमैन तक कई छोटे काम किए. इन तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद वो निराश नहीं हुए और अंतत: सफल हुए. बॉलीवुड से लेकर ओटीटी तक उनका सिक्का चलता है. सेक्रेड गेम्स’ की सफलता इसका एक बड़ा प्रमाण हैं.
रजनीकांत, शाहरुख खान, अक्षय कुमार और जॉनी वार्कर जैसे अन्य तमाम सितारें भी कड़े संघर्ष के बाद स्टार बने और आज फैन्स के दिलों में राज करते हैं.
[ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]