ट्रैफिक में फंसे थे डॉक्टर, कार छोड़ 3Km भागे, 45 मिनट दौड़ने के बाद सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंचे

ट्रैफिक में फंसे थे डॉक्टर, कार छोड़ 3Km भागे, 45 मिनट दौड़ने के बाद सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंचे

डॉक्टर को यूं ही नहीं धरती का भगवान कहा जाता. डॉक्टर अगर अपने फर्ज के प्रति ईमानदार है तो वह मरीज को मौत के मुंह से बाहर लाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक सकता है. ठीक उसी तरह जिस तरह से बेंगलुरु के डॉक्टर गोविंद नंदकुमार ने अपने एक मरीज की जान बचाने के लिए अपना जी जान लगा दिया.

ट्रैफिक के बीच लगा दी दौड़

दरअसल, डॉक्टर गोविंद को अपने एक मरीज की सर्जरी के लिए पहुंचना था लेकिन उनकी कार एक बड़े ट्रैफिक जाम में फंस गई. कुछ समय तक उन्होंने ट्रैफिक खुलने का इंतजार किया लेकिन समय हाथ से निकलता जा रहा था.

यही बीतता हुआ समय उनके मरीज के लिए खतरा बन सकता था. यही सोच कर उन्होंने अपनी कार छोड़ दी और समय पर पहुंचने के लिए ट्रैफिक के बीच ही दौड़ लगाने लगे.

अस्पताल पहुंचने के लिए 3 किमी दौड़े

यह घटना 30 अगस्त की बताई जा रही है. इस दिन सरजापुर-मराठाहल्ली खंड में मणिपाल अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन डॉ गोविंद नंदकुमार की कार बीच ट्रैफिक में फंस गए.

सामान्य स्थिति में डॉक्टर ट्रैफिक खुलने का इंतजार कर सकते थे लेकिन उस दिन वह पहले से तय पित्ताशय की थैली की सर्जरी करने के लिए जा रहे थे. ऐसे में डॉक्टर गोविंद नंदकुमार ने अपने मरीज की सर्जरी को ध्यान में रखते हुए, सही समय पर पहुंचने के लिए कार छोड़कर दौड़ लगानी शुरू कर दी.

उनका मरीज पहले से ही सर्जरी के लिए तैयार था. इसके साथ ही कुछ अन्य मरीज भी थे जो कि सर्जरी के बाद उनका इंतजार कर रहे थे. उन सभी के बारे में सोचते हुए डॉक्टर गोविंद ट्रैफिक में फंसी अपनी कार से बाहर निकले और करीब 3 किमी दूर अस्पताल पहुंचने के लिए पैदल ही दौड़ने लगे.

45 मिनट तक भागते रहे डॉक्टर गोविंद

हमारे सहयोगी TOI से बेंगलुरू यातायात की समस्या के बारे में बात करते हुए नंदकुमार ने बताया कि “उन्हें कनिंघम रोड से सरजापुर के मणिपाल अस्पताल पहुंचना था. भारी बारिश और जलभराव के कारण, अस्पताल से कुछ किलोमीटर आगे भारी ट्रैफिक जाम लगा हुआ था.

ट्रैफिक कम होने का कोई अंदाजा न मिलने पर वह अपनी कार से बाहर निकले और अपने मरीज को बचाने के लिए 45 मिनट तक दौड़ते रहे. उन्होंने ट्रैफिक कम होने का इंतजार कर समय बर्बाद करने की बजाए दौड़कर अस्पताल पहुंचना सही समझा. उनके मरीजों को सर्जरी खत्म होने तक खाना खाने की मंजूरी नहीं थी, ऐसे में डॉक्टर गोविंद उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं कराना चाहते थे.”

पिछले 18 वर्षों से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन डॉ. गोविंद नंदकुमार मणिपाल अस्पताल का हिस्सा हैं. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण सर्जरी की हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह अब तक 1,000 से अधिक सफल ऑपरेशन कर चुके हैं.

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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