ये हैं बिहार के स्मार्ट किसान जिन्होंने नौकरी छोड़ शुरू की खेती किसानी, कमाते हैं 80 लाख रुपए सलाना
भारत के एक कृषि प्रधान देश होने के कारण यहां के लोग खेती पर विशेष ध्यान देते हैं। यहां तक कि वह अपनी खेती में उगने वाले फसलों को जान से भी ज्यादा महत्व देते हैं। यहां के किसानों को अन्नदाता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वह किसी भी मौसम में अपने खेतों में जाने से नहीं कतराते। यहां हम आपको एक ऐसे अन्नदाता के बारे में बताने वाले हैं, जिनकी कहानी जानकर आप दंग रह जाएंगे।
बिहार के समस्तीपुर जिले में सुधांशु कुमार नाम के एक किसान रहते हैं, जिन्होंने टेक्नॉलॉजी के साथ अपनी खेती का काम शुरू कर दिया है। खेतों में काफी कम लागत के साथ ही अपना काम शुरू करते हैं और लाखों में मुनाफा कमाते हैं।
यहां तक कि उन्होंने अपने खेतों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं। टाटा टी में नौकरी करने के बाद इन्होंने नौकरी छोड़ दिया और अपनी 70 बीघा जमीन पर खेती करना शुरू कर दिया। काफी स्मार्ट तरीके से खेती करने के बाद अब इनकी सलाना कमाई 80 लाख तक जाती है।
सुधांशु कुमार अपने खेतों में सीसीटीवी कैमरे के जरिए सिंचाई की निगरानी रखते हैं। बता दें कि वह अपने खेतों में माइक्रो स्प्रिंकलर एवं टपकन प्रणाली का भी प्रयोग करते हैं। इन्होंने अपने जमीन में 27 हजार के करीब पेड़ लगाए हैं, जिसमें मुख्य रुप से अमरूद, मौसमी, केला, लीची, इमली, कटहल, चीकू आदि के पेड़ हैं।
खेती के अलावा यह डेयरी फॉर्म और पोल्ट्री फॉर्म भी चलाते हैं, जिनसे भी इनकी अच्छी कमाई होती है। पोल्ट्री फॉर्म में यह कड़कनाथ मुर्गे का पालन अधिक करते हैं क्योंकि इसकी कीमत बहुत अधिक है जिससे कमाई भी अधिक होती है। बता दें कि डेयरी फॉर्म में इन्होंने अलग-अलग तरह की गाय पाल रखी है।
बिहार में सुधांशु कुमार जिस प्रकार की खेती करते हैं, वह पूरे बिहार में प्रसिद्ध हो चुकी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी उनके खेतों में आ चुके हैं। सुधांशु कुमार अपने घर तरफ के पंचायत में मुखिया के रूप में भी काम करते हैं। सुधांशु कुमार को कई पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है जिसमें 2010 में जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं इसके अलावा मैंगो ग्रोवर अवार्ड के साथ-साथ रोल मॉडल अवार्ड भी इन्हें दिए जा चुके हैं। इसके अलावा इन्हें माधवी श्याम एजुकेशनल ट्रस्ट के द्वारा न्यासी बोर्ड भी दिए गए हैं। 2014 की बात करें तो इन्हें महिंद्रा समृद्धि इंडिया एग्री अवार्ड भी दिया गया है।