ईको फ्रेंडली पेन, मकई के भूसी से बनाया यह पेन कीमत केवल 10 रुपए
पूरा विश्व आज पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक हो चुका है। हर देश में इसके लिए कई चीजें हों रही हैं। भारत भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कई बड़े कदम उठा रहा है। लेकिन यदि के साथ देश के कुछ नागरिक भी पर्यावरण संरक्षण के लिए नई नई चीजों और तरीकों जा शोध कर रहे हैं। आज हम जिसके बारे में बात कर रहे हैं वह भी पर्यावरण सुरक्षा का ही कार्य कर रहे हैं।
दोस्तों हम बात कर रहे हैं, तेलंगाना के वारंगल के गोपालपुरम गांव के निवासी राजू मुप्परपु के बारे में। राजू ने अभी तक कई शोध किये हैं। हाल ही में राजू ने एक ईको फ्रेंडली पेन बनाया है। यह पेन मकई के भूसी से तैयार किया गया है।
राजू बताते हैं कि उनके गाँव मे मकई की उपज अधिक है। खेती से निकले वाली मकई बिकने के लिए बाजार चली जाती है,लेकिन उससे निकलने वाली भूसी का कुछ भी नही होता उसे यू ही जला दिया जाता है। राजू इस बेकार बचने वाले मकई की भूसी का सही उपयोग करना चाहते थे। ताकी इसे जलाना न पड़े।
राजू जब स्कूल में थे तब उन्होंने एक हुनर सीखा था। उसे ही ध्यान में रखते हुए राजू ने मकई से पेन बनाने के बारे में विचार किया।इसके लिए सबसे पहले उन्होंने मकई की भूसी को सिलेण्डर के सेप में ढालने के बारे में सोचा। राजू का कहना है कि यह डिस्पोजेबल पेन प्लास्टिक के कचरे को कम करने में सहायक होगा और मकई की भूसी को जलने से भी रोका जा सकेगा। राजू अभी तक 100 अधिक पेन बना चुके हैं।
मकई की भूसी से बना पेन
राजू बताते हैं कि इस पेन को बनाने के लिए उन्होंने भूसी को गीले कपड़े से साफ किया और फिर रेक्टेंगिल के आकार का काट लिया। इसके बाद उन्होंने एक छड़ के ऊपर इसे लपेट दिया। इस छड़ी को हटाने के बाद यह एक पेन के शेप का हो जाता है जो दोनों ओर से खुला रहता है। इसके बाद इसमे एक तरह से रिफिल डाल कर के इसे कसा जाता है। और पीछे से इसे बंद कर दिया जाता है।
इस पेन का ढक्कन बनाने के लिए भी राजू मकई की भूसी के छोटे सिलेंडर आकर के ढक्कन नुमा भाग तैयार करते हैं। जिसकी व्यास पेन से अधिक होता है। ताकि यह पेन पर सही तरह से फिट हो सके।
पेन बनाने में लगता है 10 मिनट
राजू बताते हैं कि उन्होंने यह पेन बनाना शुरू किया, और अपने आस पास के लोगों और दोस्तों में बांटा। इसे बनाने में राजू को केवल 10 मिनट का समय लगता है। और इससे लिखना में भी एकदम सामान्य ही लगता है।
आईएएस को दिया गिफ्ट
कुछ समय पहले वारंगल नगर निगम के कमिश्नर आईएएस पमेला सत्पथी से मिले और अपने द्वारा बनाया गया यह पेन उन्हें गिफ्ट में दिया। आइएएस पमेला ने बताया कि बताया कि उन्हें राजू का यह अविष्कार बहुत पसंद आया। और उन्होने राजू से इस पेन में अच्छे क़्वालिटी की रिफिल डालने की बात पूछी, जब राजू इस बात के लिए राजी हो गए तो आईएएस पमेला ने राजू को अपने कार्यालय के लिए 1000 पेन बनाने का ऑर्डर भी दिया है। इस एक पेन की कीमत 10 रुपए है, अभी तक राजू ने 100 पेन बना कर भेज दिए हैं और बचे हुए 900 पेन बनने की प्रक्रिया शुरू है।