शहीद की बेटी की शादी में मदद को आगे आए सेना के अधिकारी, विधवा मां ने संघर्ष कर अकेले बड़ा किया

शहीद की बेटी की शादी में मदद को आगे आए सेना के अधिकारी, विधवा मां ने संघर्ष कर अकेले बड़ा किया

1988 में भारतीय सेना के जवान संतोष कुमार एलओसी पर शहीद हो गए थे. संतोष के निधन के बाद केरल के कोच्चि स्थित कलामास्सेरी में रहने वाली उनकी विधवा पत्नी ने अकेले ही अपनी बेटी को बड़ा किया. अब उनकी बेटी बड़ी हो गई है और वो उसकी शादी की तैयारी में लगी हुई हैं. खास बात यह कि बिना पिता की इस बेटी की शादी में मदद के लिए स्थानीय लोगों के साथ सेना के अधिकारी भी आगे आए.

जहां स्थानीय लोगों ने मिलकर इस बेटी की शादी की जिम्मेदारी ली है. वहीं भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट मद्रास रेजिमेंट के 44 अधिकारी ने आगे बढ़कर आर्थिक मदद की. मद

द करने वाले भारतीय सेना के ये अधिकारी एक अलग तरह के मिशन पर हैं. ये जम्मू से तिरुवनंतपुरम तक बाइक पर सवार होकर व्यक्तिगत रूप से शहीदों की विधवाओं से मिल रहे हैं और उनकी मदद कर रहे हैं.

सेना के अधिकारी उन पूर्व सैनिकों से भी मिल रहे हैं जो बीमार हैं. जानकारी के मुताबिक सेना के अधिकारियों द्वारा यह पहल 4 दिसंबर को मद्रास रेजिमेंट के 263वें जन्मदिन और भारत के 1971 के युद्ध बनाम पाकिस्तान की जीत के 50 साल पूरे होने की खुशी में शुरू की गई है. बता दें, यह पहल 4 दिसंबर को लेफ्टिनेंट कर्नल हेमंद राज के नेतृत्व में शुरू हुई. वो नई दिल्ली, जामनगर, कोलकाता, सिकंदराबाद, चेन्नई और ऊटी से होते हुए आगे बढ़ेंगे.

सफर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलता है. इस दौरान वो शहीदों की विधवाओं, पूर्व सैनिकों, और स्कूली बच्चों के संवाद स्थापित कर रहे हैं ताकि उनकी समस्याएं संबंधित विभाग तक पहुंचाकर लाभ दिला सकें

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don`t copy text!