7 महीने के बच्चे को गोद में उठाकर दुल्हन ने लिए फेरे, गाँव वाले देखते रह गए

7 महीने के बच्चे को गोद में उठाकर दुल्हन ने लिए फेरे, गाँव वाले देखते रह गए

इन दिनों हर जगह शादी ब्याह का माहोल हैं. ऐसे में हमे आए दिन नई और अनोखी शादियाँ देखने को मिलती रहती हैं. आमतौर पर लोगो की यही धारणा होती हैं कि पहले शादी करेंगे और फिर बच्चे पैदा कर परिवार बढ़ाएंगे. हालाँकि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में लोग उस समय हैरान हो गए जब उन्हें शादी करने वाले दुल्हा दुल्हन की गोद में 7 महीने का बच्चा दिखाई दिया. इन दुल्हा दुल्हन ने अपनी शादी में खुद का ही बच्चा उठाए हुए था. इस अनोखी शादी की खबर जब मीडिया में फैली तो हर कोई हक्का बक्का रह गया. आमतौर पर बच्चे अपने माता पिता की शादी में शामिल नहीं होते हैं. दरअसल वो तो उस समय पैदा ही नहीं हुए होते हैं. लेकिन इस 7 महीने के बच्चे को खुद के माता पिता की शादी में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हो गया. आइए इस पुरे मामले को और करीब से जानते हैं.

बच्चे को गोद में उठा लिए 7 फेरे

ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के कुम्हार टोला गांव का हैं. यहाँ बीते शनिवार करण और नेहा नाम के दुल्हा दुल्हन शादी के बंधन में बंधे. ये दोनों जब सात फेरे ले रहे थे तो इनकी गोद में खुद का 7 महीने का बच्चा भी था. शिवांश नाम के इस बच्चे ने अपने माता पिता की शादी की सभी रस्में देखी. शादी में शामिल हुए मेहमान भी ये नजारा देख हक्का बक्का रह गए. उनका भी यही कहना था कि हमने ऐसी अनोखी शादी आज से पहले कभी नहीं देखी हैं.

ये हैं इनकी लव स्टोरी

अब आप सभी के मन में कई सारे सवाल उठ रहे होंगे जैसे ये बच्चा शादी के पहले कैसे और क्यों आया? बात ये हैं कि करण और नेहा दो साल पहले घर से भागकर शादी रचा चुके हैं. छतरपुर जिला निवासी पप्पू अहिरवार का बेटा करण दिल्ली में रहता हैं. एक बार जब वो अपने गाँव आया तो इसे अपने पड़ोस में रहने वाली नेहा से इश्क हो गया. अब चुकी लड़का लड़की अलग अलग जाति के थे इसलिए उनके परिवार वाले इस शादी को नहीं माने. ऐसे में करण अपने साथ नेहा को भगाकर दिल्ली ले आया. यहाँ 17 फरवरी 2018 को दोनों ने आर्य समाज मंदिर से इंटरकास्ट मेरिज कर ली. इस शादी के बाद 22 जून 2019 को इनके घर एक बेटे का जन्म हुआ. इन लोगो ने बेटे का नाम शिवांश रखा. शिवांश अभी 7 महिना का हो चुका हैं.

इस कारण हुई दोबारा शादी

जब नेहा और करण के घर वालों को पता लगा कि इनका बेटा हो गया हैं तो उन्होंने मन-मुटाव समाप्त कर लिए. इसके बाद दोनों को दिल्ली से गाँव बुलाया गया और इनकी दोबारा शादी करने का फैसला हुआ. इनकी फैमिली ने बकायदा शादी के कार्ड छपवाए और पूर्ण रीती रिवाज से एक बार फिर दोनों की शादी करवा दी. ऐसे में 7 महीने के बेटे को भी अपने पेरेंट्स की शादी में शामिल होने का मौका मिल गया.

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Lok Mantra अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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