24 मई से दोबारा उड़ान भरेगा GoFirst विमान, देखें डीटेल्स

24 मई से दोबारा उड़ान भरेगा GoFirst विमान, देखें डीटेल्स

गो फर्स्ट 24 मई तक अपनी उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है। सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइन 23 विमानों के छोटे बेड़े के साथ फिर से शुरू करने की योजना बना रही है। आपको बता दें कि 2 मई तक 27 GoFirst विमान उड़ान भर रहे थे. इस मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि दिल्ली और मुंबई के बड़े एयरपोर्ट्स पर इसके डिपार्चर स्लॉट क्रमश: 51 और 37 हैं। इससे पहले बुधवार को GoFirst ने कहा था कि उसने 19 मई तक अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं. इससे पहले उड़ानें 12 मई तक रद्द की गई थीं.

कर्मचारी की छटनी नहीं होगी

बता दें कि एनसीएलटी ने विमानन कंपनी गो फर्स्ट की दिवालिया याचिका को स्वीकार करते हुए उससे अपना परिचालन जारी रखने को कहा है और किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है। गो फर्स्ट के कर्मचारियों की मौजूदा संख्या करीब 7 हजार है। कंपनी की हालत देखकर उनमें से कई ने दूसरी नौकरी तलाशने की प्रक्रिया तेज कर दी थी। एनसीएलटी ने कंपनी के प्रबंधन और निदेशक मंडल को भी निलंबित कर दिया है। 19 तारीख तक उड़ानें रद्द: परिचालन संबंधी कारणों से GoFirst की उड़ानें 19 मई 2023 तक रद्द कर दी गई हैं। एयरलाइंस ने कहा है कि यात्रियों को हुई असुविधा के लिए उन्हें खेद है। कंपनी ने यात्रियों को जानकारी देते हुए कहा कि रद्द उड़ानों पर टिकटों का रिफंड पहले की तरह ही प्रक्रिया के आधार पर दिया जाएगा.

ट्रैवल एजेंट के 900 करोड़ फंसे

ट्रैवल एजेंट भी GoFirst के दिवालियापन फाइलिंग और फ्लाइट कैंसिलेशन से प्रभावित हुए हैं। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि उनके सदस्यों के लगभग 900 करोड़ रुपये एडवांस, फॉरवर्ड बुकिंग और रिफंड के रूप में GoFirst में फंसे हुए हैं। टाटा और इंडिगो ने शुरू की बातचीत: ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा समूह और इंडिगो गो एयर के विमान के पट्टेदारों से विमान लेने के लिए बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली और मुंबई सहित एयरपोर्ट ऑपरेटरों के साथ लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट पर भी चर्चा की जा रही है।

फैसले के खिलाफ अपील

एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनी SMBC एविएशन कैपिटल लिमिटेड ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश के खिलाफ GoFirst की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका को स्वीकार करने की अपील की है। एसएमबीसी एविएशन कैपिटल दुनिया की सबसे बड़ी विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों में से एक है।

उधर, विमान का इंजन उपलब्ध कराने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) ने बुधवार को कहा कि वह गोफर्स्ट एयरलाइन द्वारा लगाए गए आरोप पर कानूनी रास्ता अख्तियार करने जा रही है। 2 मई को, GoFirst ने अपने वित्तीय संकट के लिए P&W को दोषी ठहराया, यह कहते हुए कि समय पर इंजनों की आपूर्ति न होने के कारण इसके विमान खड़े हो गए और परिचालन राजस्व पर भारी असर पड़ा।

क्या कहा सीईओ ने

एनसीएलटी के आदेश के बाद गोफर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि दिवाला आवेदन इतनी तेजी से स्वीकार किया गया है। यह आदेश व्यवहार्य एयरलाइन को अव्यवहार्य बनने से रोकता है। IBC का उद्देश्य हमेशा पुनरुद्धार रहा है।

यह पहली बार है जब किसी भारतीय एयरलाइन ने स्वेच्छा से अनुबंधों और ऋण पर फिर से बातचीत करने के लिए दिवालियापन संरक्षण की मांग की है। हालांकि, यह कदम पट्टेदारों द्वारा कब्जा करने के प्रयासों को जटिल बना सकता है, जिन्होंने हाल के दिनों में लगभग 40 गो फर्स्ट विमानों की वापसी के लिए भारत के विमानन नियामक के साथ अनुरोध दायर किया है, जो किराये के भुगतान पर चूक गए थे।

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