सीएनजी किट का छोटा पैकेज ही करेगा बड़ा धमाका, एक्टिवा देगी 100km का दमदार माइलेज

नयी दिल्ली। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के कारण लोग अब इलेक्ट्रिक या सीएनजी वाहन लेना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि इन सेगमेंट की गाडिय़ों को लेने से जेब पर इसका असर बहुत कम देखने को मिलता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर कंपनी के वाहनों में सीएनजी लगी हो। इन गाड़ियों में अब सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला स्कूटर एक्टिवा है, लेकिन यह पेट्रोल है, लेकिन अब आप इसमें सीएनजी लगाने के बाद पेट्रोल की झंझटों से छुटकारा पा सकते हैं। जो पेट्रोल से काफी सस्ता है और इससे आपको दमदार माइलेज भी मिलेगा।
सीएनजी के फायदे देख लोग अब एक्टिवा में भी सीएनजी किट फिट करवा रहे हैं। जिससे एक्टिवा का माइलेज 100 किमी मिल रहा है। सीएनजी की कीमत करीब 47-48 रुपये प्रति किलो है। यानी इतने कम खर्च में आप अराम से 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं।
एक्टिवा में सीएनजी किट लगानी होगी
होंडा ने एक्टिवा के कई बेहतरीन मॉडल पेश किए हैं, लेकिन ये सभी पेट्रोल से चलने वाले वाहन हैं। यानी कंपनी ने एक्टिवा का सीएनजी मॉडल लॉन्च नहीं किया है। ऐसे में आप दिल्ली की सीएनजी किट बनाने वाली कंपनी लोवाटो से अपने पुराने स्कूटर में इस किट का पूरा फायदा उठा सकते हैं। इस किट की कीमत करीब 15 हजार रुपए है। कंपनी का दावा है कि भले ही आप एक बार इतना पैसा खर्च कर दें, लेकिन आप इसे 1 साल के अंदर रिकवर कर लेंगे, क्योंकि अब सीएनजी और पेट्रोल की कीमत में करीब 40 रुपये का अंतर आ गया है।
स्कूटर पेट्रोल और सीएनजी दोनों पर चलेगा
एक्टिवा में सीएनजी किट लगाने में करीब 4 घंटे का समय लगता है, लेकिन आप सीएनजी के साथ-साथ पेट्रोल से भी सफर कर सकते हैं। इसके लिए कंपनी स्विच बटन लगाती है जिससे आप सीएनजी मोड से पेट्रोल मोड में स्विच कर सकते हैं। कंपनी दो ऐसे सिलेंडर सामने लगाती है जो काले रंग के प्लास्टिक कवर से लैस होते हैं। वहीं, सीट के निचले हिस्से में इसे चलाने वाली मशीन लगी होती है। यानी एक्टिवा को सीएनजी और पेट्रोल दोनों से चलाया जा सकता है। एक्टिवा पर सीएनजी से जुड़े कुछ ग्राफिक्स भी लगे हैं।
सीएनजी किट के नुकसान
सीएनजी किट लगाने के जहां फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसान भी हैं। पहला ये कि इस किट में लगे सिलेंडर में 1.2 किलो सीएनजी होती है. लेकिन अगर आप 120 से 130 किलोमीटर की यात्रा करते हैं तो इस दौरान मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं, हर जगह सीएनजी स्टेशन होना संभव नहीं है। इतना ही नहीं, सीएनजी लगाने से भले ही स्कूटर का माइलेज बढ़ जाता है, लेकिन यह गाड़ी को पिकअप नहीं देता है। ऐसे में गाड़ी के इंजन पर लोड ऊपर वाली सड़क पर पड़ता है।