अडानी-हिंडनबर्ग विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच पूरी करने के लिए और तीन महीने का समय दिया

इस बीच, हमें रिपोर्ट पर गौर करना होगा, पीठ ने कहा।, हम यह समस्याएँ 15 मई को सुनवाई होगी,सुनवाई के दौरान पीठ ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा बोला कि वह बाजार नियामक को जांच पूरी करने के लिए छह महीने के बजाय तीन महीने का समय दे सकता है,
नयी दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को बोला अडानी समूह द्वारा शेयर की कीमतों में हेराफेरी और विनियामक प्रकटीकरण में चूक के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए वह सेबी को तीन महीने का और समय देने पर विचार कर सकता है।,
इसके साथ ही अदालत हाईकोर्ट ने विभिन्न जनहित याचिकाओं और बाजार नियामक की याचिकाओं को 15 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है,
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ बोला वह अदालत की रजिस्ट्री मामले सर्वोच्च पर अदालत भारत सरकार द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एएम सप्रे समिति की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है और समिति के निष्कर्षों पर विचार करने के बाद, समस्याएँ लेकिन सोमवार को सुनना चाहेंगे,
इस बीच, हमें रिपोर्ट पर गौर करना होगा, पीठ ने कहा।, हम यह समस्याएँ 15 मई को सुनवाई होगी,,
सुनवाई के दौरान, पीठ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, बोला कि वह बाजार नियामक को जांच पूरी करने के लिए छह महीने के बजाय तीन महीने का समय दे सकता है,
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता जया ठाकुर की ओर से पेश एक वकील को चेतावनी देते हुए बोला वह यह अदालत सेबी की ओर से किसी नियामक विफलता के बारे में कुछ नहीं बोला है,
बेंच ने कहा, आरोप लगाते समय आपको सावधान रहना चाहिए, इससे शेयर बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है, ये सब आपके आरोप हैं और इनकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है।,